Top
Begin typing your search above and press return to search.

अमेरिका यात्रा के दौरान उद्यमियों व नेताओं से बातचीत करेंगे राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सैन फ्रांसिस्को, वाशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क में कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे और सोमवार से अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान विश्वविद्यालयों, उद्यमियों, नागरिक समाज, राजनेताओं और अन्य से बातचीत भी करेंगे

अमेरिका यात्रा के दौरान उद्यमियों व नेताओं से बातचीत करेंगे राहुल
X

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सैन फ्रांसिस्को, वाशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क में कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे और सोमवार से अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान विश्वविद्यालयों, उद्यमियों, नागरिक समाज, राजनेताओं और अन्य से बातचीत भी करेंगे। यह जानकारी इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) ने दी। अपनी यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता सैन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क में भी प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे। आईओसी ने कहा कि राहुल गांधी भारत और विदेशों में मानवाधिकार, स्वतंत्रता, न्याय, विविधता, समावेश, अहिंसा और स्थिरता के सार्वभौमिक मूल्यों के पैरोकार रहे हैं।

आईओसी के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा, उनकी (राहुल गांधी) यात्रा का उद्देश्य विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों और मीडिया के साथ बातचीत शुरू करना है, इसमें भारतीय प्रवासी भी शामिल हैं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और विदेशों में संख्या में बढ़ रहे हैं। यात्रा का उद्देश्य दुनिया भर में स्वतंत्रता, समावेश, स्थिरता, न्याय, शांति और अवसरों पर ध्यान देने के साथ वास्तविक लोकतंत्र के साझा मूल्यों और दृष्टि को बढ़ावा देना है।

आईओसी यू.एस. के उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने कहा, मुझे आशा है कि राहुल गांधी की यात्रा प्रवासी भारतीयों को लोकतंत्र और स्वतंत्रता की एक नई प्रशंसा में ऊर्जा प्रदान करेगी।

मोहिंदर सिंह गिलजियन ने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका में एनआरआई को सिलिकन वैली, वाशिंगटन और न्यूयॉर्क में राहुल गांधी के साथ बातचीत करने का बहुप्रतीक्षित अवसर मिलेगा।

गिलजियन अपनी टीम के सदस्य कन्वेंशन संयोजक प्रदीप समाला, महासचिव हरबचन सिंह, उपाध्यक्ष जॉन जोसेफ, महासचिव सोफिया शर्मा, और डिजिटल मीडिया समन्वयक राजीव एम. के साथ राहुल गांधी के कार्यक्रम को अमेरिका में सफल बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

आईओसी सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ ने कहा कि कांग्रेस नेता युवाओं और आर्थिक पिरामिड के सबसे निचले पायदान पर रहने वाले लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

वशिष्ठ ने कहा, उनका मानना है कि जाति, नस्ल, धर्म, भाषा या क्षेत्र की परवाह किए बिना सभी समुदायों के आर्थिक विकास और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता एक शर्त है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it