Top
Begin typing your search above and press return to search.

राहुल ने जयंत सिन्हा का हार्वर्ड अलम्नाइ स्टेटस वापस लेने की मांग का समर्थन किया

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोषी ठहराए गए सात गौरक्षकों के जमानत पर रिहा होने के बाद उन्हें माला पहनाने को घृणित करार दिया और उस ऑनलाइन अभियान का समर्थन किया

राहुल ने जयंत सिन्हा का हार्वर्ड अलम्नाइ स्टेटस वापस लेने की मांग का समर्थन किया
X

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोषी ठहराए गए सात गौरक्षकों के जमानत पर रिहा होने के बाद उन्हें माला पहनाने को घृणित करार दिया और उस ऑनलाइन अभियान का समर्थन किया, जिसमें सिन्हा के हार्वर्ड अलम्नाइ स्टेटस को वापस लेने की मांग की गई है। राहुल ने मंगलवार को ट्वीट किया, "अगर उच्च शिक्षित सांसद और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा द्वारा एक निर्दोष व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डालने की घटना में दोषी ठहराए गए अपराधियों को माला पहनाने की घटना आपको घृणा से भर देती है तो इस लिंक पर क्लिक करें और याचिका का समर्थन करें।"

राहुल ने इस संबंध में चेंज डॉट ऑर्ग का एक लिंक भी साझा किया।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय से 2018 में स्नातक पास प्रतीक कंवल ने यह अभियान शुरू किया है।

कंवल ने कहा कि भाजपा सांसद के कृत्य ने 'पूरे देश को स्तब्ध कर दिया और हमारे महान संस्थान को बदनाम किया।'

हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्यक्ष को लिखे पत्र में कंवल ने कहा कि वह भारत के संबंधित नागरिकों की तरफ से पत्र लिखने को मजबूर हुए हैं, जिसका उद्देश्य उस 'बदनामी' की ओर ध्यान दिलाना है, जिसे सिन्हा (हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, 1992) ने भारत में कराई है और अपने 'अनर्गल कृत्य से विश्वविद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।'

अभियान में कहा गया है कि सिन्हा के 'मूर्खतापूर्ण और असंवेदनशील कृत्य' से भारत में जबरदस्त गुस्सा उत्पन्न हुआ है और इस घटना की मीडिया में चौतरफा रिपोर्टिग हुई।

उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से सभी मीडिया रपटों में यह तथ्य बताया गया है कि वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं।"

कंवल ने कहा, "इस परिस्थिति में, आप उनके कृत्य की निंदा करते हुए बयान जारी कर सकते हैं। हम आपसे उनके अनुचित व्यवहार के लिए उनके अलम्नाइ स्टेटस को वापस लेने की भी मांग करते हैं, जिसकी वजह से पूरे संस्थान का नाम बदनाम हुआ है।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it