राहुल ने नोटबंदी, जीएसटी को लेकर मोदी पर सवाल उठाए
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी और गलत जीएसटी के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि पिछले 70 सालों में नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स की मूर्खता किसी ने नहीं की

रायबरेली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी और गलत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि पिछले 70 सालों में नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स की मूर्खता किसी ने नहीं की।
गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के ऊंचाहार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
मोदी ने शुक्रवार को एक टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में अर्थशास्त्रियों के उन कयासों को खारिज कर दिया था कि नोटबंदी के कारण बेरोजगारी बढ़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा था, "लोग नोटबंदी के बड़े निर्णय को महत्वहीन बनाने का बहाना ढूंढ़ रहे हैं।"
गांधी ने पूछा, "मोदी ने नोटबंदी को काला धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक लड़ाई बताकर देश से झूठ बोला था। यदि यह काला धन के खिलाफ लड़ाई थी, तो 2016 में नोटबंदी के बाद कोई चोर बैंकों और एटीएम के बाहर कतारों में क्यों नहीं खड़ा था।"
राहुल ने प्रधानमंत्री पर 22 लाख सरकारी नौकरियां न भरने का आरोप लगाते हुए कहा, "यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो एक साल के भीतर सभी पदों को भर दिया जाएगा।"
गांधी ने यह भी वादा किया कि यदि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में सरकार बनाती है तो किसानों के कर्ज माफ कर दिए जाएंगे।
रैली को संबोधित करने के बाद गांधी ने मीडिया से बातचीत भी की और रोजगार मुहैया कराने तथा किसानों के कर्ज माफ करने के वादे पूरे न करने का मोदी पर आरोप लगाया।
गांधी ने कहा, "मोदीजी ने पिछले पांच सालों में देश से सिर्फ झूठ बोला है। बेरोजगारी दर पिछले 45 सालों में सबसे ऊंची है और उत्तर प्रदेश के सभी युवक इस बात को जानते हैं। मोदीजी ने अपने सभी भाषणों में दो करोड़ लोगों को रोजगार देने के बारे में बातें की थी। लेकिन आज किसान आत्महत्या कर रहे हैं, क्योंकि उनके कर्ज माफ करने के वादे पूरे नहीं किए गए हैं।"
गांधी ने कहा, "राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता में आते ही हमने दो दिनों के भीतर किसानों के कर्ज माफ करने का वादा पूरा कर दिया।"
उन्होंने कहा, "मोदीजी युवाओं को रोजगार या 15 लाख रुपये के अपने वादे के बारे में बातें नहीं करते। उनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं रह गया है। उनके सामने एक टेलीप्राम्टर होता है, जिसे पढ़कर वह भाषण देते हैं और वही उन्हें नियंत्रित करता है।"


