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राहुल-प्रियंका ने शंकराचार्य के ब्रह्मलीन होने पर जताया शोक

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और उत्तराखंड कांग्रेस ने शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के ब्रह्मलीन होने पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है

राहुल-प्रियंका ने शंकराचार्य के ब्रह्मलीन होने पर जताया शोक
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नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और उत्तराखंड कांग्रेस ने शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के ब्रह्मलीन होने पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

श्री गांधी ने फेसबुक में जारी शोक संदेश नें कहा “पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने का समाचार दुःखद है। उन्होंने हमेशा धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। सादर श्रद्धांजलि।”

श्रीमती वाड्रा ने भी फेसबुक पर कहा “ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारकाशारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के देहावसान का दुखद समाचार पाकर मन को बहुत कष्ट पहुंचा। शंकराचार्य जी उन चुनिंदा लोगों में से थे जो 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में जेल गए थे। मेरी दादी व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी भी उनसे आशीर्वाद लेने जाया करती थीं। वर्ष 1990 की बात है, मैं बहुत छोटी थी जब वे पापा के बुलाने पर गृहप्रवेश के दौरान आशीर्वाद देने के लिए आए थे। तभी पहली बार मैंने उनका दर्शन किया था। पिछले साल मैं भी उनसे मिलने गई तो शंकराचार्य जी ने आशीर्वाद स्वरूप मुझे एक साड़ी भेंट की थी।”

उन्होंने कहा ,“वे ऐसे धर्मगुरु थे जो तर्क और न्याय पर भरोसा करते हुए ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग सुझाते थे। स्वामी जी ने धर्म और परमार्थ के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनके जाने से समस्त समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है। भावपूर्ण श्रद्धांजलि”।

उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष करण माहरा तथा उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को ,“हिंदू धर्म का और भारतीयता का महान ध्वजवाहक ” बताते हुए कहा कि उनके देह त्याग के कारण देश ने युग का एक महानतम संत, हिंदू धर्म का महान ज्ञाता और देश की एकता और अखंडता का सच्चा प्रतीक खो दिया। उनके ब्रह्मलीन होने से देश के करोड़ों लोगों को सदमा पहुंचा है । वे सदियों तक लोगों के प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे। उन्होंने आजीवन परमार्थ के लिए काम किया।


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