2 दिन के अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी, जानें पूरा शेड्यूल
कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी दो दिवसीय अमेरिका दौरे पर बॉस्टन पहुंचे। राहुल के अमेरिका पहुंचते ही बोस्टन एयरपोर्ट पर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस ने उनका स्वागत किया। इन दो दिनों में राहुल गांधी तमाम कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ साथ रोड आइलैंड की ब्राउन यूनिवर्सिटी में छात्रों और शिक्षकों से संवाद करेंगे
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी दो दिवसीय अमेरिका दौरे पर बॉस्टन पहुंचे। राहुल के अमेरिका पहुंचते ही बोस्टन एयरपोर्ट पर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस ने उनका स्वागत किया। इन दो दिनों में राहुल गांधी तमाम कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ साथ रोड आइलैंड की ब्राउन यूनिवर्सिटी में छात्रों और शिक्षकों से संवाद करेंगे। राहुल की ये यात्रा उनके वैश्विक मंचों पर भारतीय मुद्दों को उठाने और प्रवासी भारतीयों से जुड़ने के प्रयासों का हिस्सा मानी जा रही है। अपनी इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी क्या कुछ करने वाले हैं और इस यात्रा के पीछे क्या मकसद है, आइए जानते हैं।
20 अप्रैल 2025: पहले दिन राहुल गांधी एनआरआई समुदाय के सदस्यों और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। वह प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद करेंगे और उनके विचारों को सुनेंगे। यह कार्यक्रम अमेरिका में भारतीय समुदाय के साथ उनके जुड़ाव को मजबूत करने का हिस्सा है।
21 अप्रैल 2025: दूसरे दिन राहुल गांधी ब्राउन यूनिवर्सिटी में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत करेंगे। वह व्याख्यान देंगे और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। यह दौरा उनकी दूसरी अमेरिका यात्रा है, जो डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद हो रही है।
बताते चलें कि इससे पहले, सितंबर 2024 में राहुल गांधी ने तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा की थी, जो विपक्ष के नेता की भूमिका संभालने के बाद उनकी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा थी। उस दौरे में उन्होंने डलास के टेक्सास यूनिवर्सिटी और वाशिंगटन डीसी के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में हिस्सा लिया था। उन्होंने ओबीसी, दलित और आदिवासियों के प्रतिनिधित्व की कमी को “एलिफेंट इन द हाउस” करार देते हुए जाति जनगणना की वकालत की थी।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पहले ही इस यात्रा की घोषणा करते हुए कहा था कि राहुल गांधी ब्राउन यूनिवर्सिटी में स्पीच देंगे और छात्रों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। यह यात्रा राहुल गांधी के वैश्विक मंचों पर भारतीय मुद्दों को उठाने और प्रवासी भारतीयों से जुड़ने के प्रयासों का हिस्सा मानी जा रही है।


