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राहुल ने कहीं देशविरोधी बात नहीं की, माफी नहीं मांगेंगे : थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को है कि उनकी पार्टी के नेता राहुल गांधी ने विदेश में कहीं कोई ऐसी टिप्पणी नहीं की जिससे भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठते हों या देश की अवमानना होती हो इसलिए उनकी माफी मांगने की मांग बेतुकी है

राहुल ने कहीं देशविरोधी बात नहीं की, माफी नहीं मांगेंगे : थरूर
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नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को है कि उनकी पार्टी के नेता राहुल गांधी ने विदेश में कहीं कोई ऐसी टिप्पणी नहीं की जिससे भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठते हों या देश की अवमानना होती हो इसलिए उनकी माफी मांगने की मांग बेतुकी है।

श्री थरूर ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शिरकत करते हुए शुक्रवार को यहां कहा कि श्री गांधी से माफी मांगने की भाजपा की मांग बेतुकी है लेकिन भाजपा इसे जायज ठहरा रही है। उन्होंने कहा “मुझे यह कहना होगा कि भाजपा राजनीति में दक्ष है। उसने श्री गांधी को उस बात के लिए दोषी ठहरा दिया है जो उन्होंने कभी कही ही नहीं है।”

श्री गांधी से माफी मांगने की भाजपा की मांग पर तीखे अंदाज में उन्होंने कहा, “क्यों मांगेगे राहुल गांधी माफी। राहुल गांधी माफी नहीं मांगेंगे। उनके बयान में कहीं कुछ ऐसा नहीं है जिस पर आपत्ति की जा सके, माफी मांगने की बात बेतुकी है। उन्होंने कहीं भी कोई भारत विरोधी बात नहीं की है। विदेशों में देश के खिलाफ बोलने पर यदि किसी को माफी मांगनी चाहिए तो वह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं क्योंकि उन्होंने विदेशी जमीन पर सबसे पहले भारत विरोधी बात कही है।”

संसद नहीं चलने देने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा,“ सदन चलाना सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन सत्र के दौरान बेतुकी बयानबाजी कर सदन को नहीं चलने दिया जा रहा है। संसद में वित्त विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित होने हैं लेकिन सरकार जिम्मेदारी से भाग रही है और सदन की कार्यवाही को बाधित किया जा रहा है। राहुल गांधी ने कभी नहीं कहा है कि विदेशी ताकतें हमारे लोकतंत्र की रक्षा करें इसलिए उनका माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता है।”

श्री थरूर ने अपनी संकल्पनाओं के भारत को लेकर कहा “मेरा भारत का विचार एक ऐसे देश से है, जहां भारतीयों को इस बात का अधिकार होना चाहिए कि उन्हें क्या खाना चाहिए और किससे प्यार करना चाहिए। हमें ऐसा भारत चाहिए जहां लोग किसी के निजी मामले में हस्तक्षेप नहीं करें। सबको खाने, प्यार करने और बोलने की आजादी हो। यह ‘आईडिया ऑफ इंडिया’ है जहां लोग अपने हिसाब से रहें और इतिहास की घटनाओं को लेकर किसी की निंदा नहीं करें।”


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