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प्रवासी मजदूरों के ट्रेन किराया को लेकर मची रार, उत्तराखंड सरकार ने कहा, 'हम करेंगे खर्च वहन'

प्रवासी मजदूरों के ट्रेन किराए को लेकर रार के बीच उत्तराखंड सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले सभी यात्रियों का खर्च स्वयं वहन करने का निर्णय लिया है।

प्रवासी मजदूरों के ट्रेन किराया को लेकर मची रार, उत्तराखंड सरकार ने कहा, हम करेंगे खर्च वहन
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देहरादून | प्रवासी मजदूरों के ट्रेन किराए को लेकर रार के बीच उत्तराखंड सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले सभी यात्रियों का खर्च स्वयं वहन करने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने रेल मंत्रालय से ट्रेन चलाने का अनुरोध किया है। राज्य के मुख्य सचिव ने बताया कि सभी प्रवासियों को 15 दिन के अंदर वापस लाया जाएगा। दक्षिण के राज्यों से भी प्रवासियों को लाया जाएगा। यह प्रवासी लोग महाराष्ट्र, गुजरात, पुणे, केरल से आएंगे। इनकी सूची राज्य रेल मंत्रालय को भेजी जा चुकी है। हरिद्वार और काठगोदाम में इन यात्रियों को लाया जाएगा। उससे आगे उनके जिलों में छोटे वाहनों से उन्हें भेज दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इन यात्रियों का समस्त खर्च सरकार वहन करेगी। इसके अलावा विदेशों में फंसे हुए लोगों को भी बाहर निकाला जाएगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। विदेश में रहने वाले लोगों को दूतावास में अपना पंजीकरण कराना होगा। वापस आने पर एक निश्चित अवधि तक क्वारंटाइन होना होगा।

इसके बाद हेल्थ चेकप होगा फिर वह घर जा सकेंगे। जहां उनकी निगरानी होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रवासियों को हर हाल में लाया जाएगा। उन्होंने कहा, "किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। सरकार ने सभी को लाने की समुचित व्यवस्था की है। किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं।"

उधर, कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से कहा है कि दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासियों का किराया देने के लिए कांग्रेस पार्टी तैयार है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि दूर दराज से आने वाले प्रवासियों को ट्रेन से लाना है। ऐसे में इन प्रवासियों का खर्च कांग्रेस पार्टी उठा सकती है।

गौरतलब है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ऐसा पहले ही स्पष्ट कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रवासियों की घर वापसी के लिए आर्थिक परेशानी हो तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी सहायता के लिए तैयार है।

प्रवासी मजदूरों के किराए को लेकर राजनीति शुरू हुई तो कांग्रेस शासित सहित कुछ अन्य राज्यों की सरकारों ने भी उनके किराये के भुगतान का एलान कर दिया।

राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब व मध्य प्रदेश की सरकार ने कहा कि वह किराये का भुगतान करेंगी, वहीं बिहार की नीतीश सरकार ने किराया ही नहीं, बल्कि अतिरिक्त पांच सौ रुपये भी देने की घोषणा की है।


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