राबड़ी ने नीतीश को लिखा पत्र, सुरक्षा कटौती का उठाया मुद्दा
राबड़ी यादव ने नीतीश को दूसरी बार पत्र लिखकर उनके आवास से सुरक्षा गार्ड की संख्या में कटौती किये जाने और ऐसा करने के लिए जिम्मेवार अधिकारियों के संबंध में विस्तृत सूचना देने की मांग की है

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी यादव ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दूसरी बार पत्र लिखकर उनके आवास से सुरक्षा गार्ड की संख्या में कटौती किये जाने और ऐसा करने के लिए जिम्मेवार अधिकारियों के संबंध में विस्तृत सूचना देने की मांग की है।
राबड़ी देवी ने पत्र में सुरक्षा गार्ड की संख्या में कटौती किये जाने के मुद्दे को मजबूती से उठाते हुये कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजधानी पटना में उनके और यादव (दाेनों पूर्व मुख्यमंत्री) के 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास में प्रतिनियुक्त बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी)-2 के सुरक्षाकर्मियों 10 अप्रैल की मध्य रात्रि को यह कहते हुये वापस किया गया कि वे श्री यादव की सुरक्षा में प्रतिनियुक्त थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समादेष्टा (बीएमपी-2, डिहरी) ने 12 अप्रैल को स्वीकार किया है कि 10 अप्रैल को जारी पत्रांक में भूलवश नफरी बल को वापस किया जाना अंकित हो गया है।
एेसे में वह जानना चाहती हैं कि इस गलती के लिए कौन जिम्मेवार है और किस परिस्थिति में अधिकारी ने सुरक्षा गार्ड की संख्या में कटौती करने का आदेश दिया।
उन्होंने मुख्यमंत्री कुमार से जानना चाहा है, “आपको इस प्रकरण की जानकारी थी या आपको अंधेरे में रखकर ऐसी कार्रवाई की गई है।
पुलिस अधिकारी गृह विभाग के अधीन काम करते हैं और यह विभाग मुख्यमंत्री के पास है लेकिन जब वह या उनके पुत्र विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव फोन करते हैं तो ये अधिकारी कॉल रिसीव नहीं करते। ऐसे में मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहूंगी कि ऐसी विषम परिस्थिति में वह किससे संपर्क करें।”
राबड़ी देवी ने कहा कि बदलते राजनीतिक एवं सामाजिक परिवेश में जहां एक ओर राज्य और देश में असामाजिक तत्वों एवं कट्टरपंथ का बोलबाला है, जिससे उनके पूरे परिवार पर ही नहीं बल्कि सामाजिक समरसता तथा सद्भाव के पैरोकारों पर खतरा कई गुणा बढ़ गया है।
वहीं, दूसरी ओर सुरक्षा जरूरतों की समीक्षा किये बिना सुरक्षा बल में कटौती किया जाना तथा मध्य रात्रि में बिना लिखित आदेश दिखाये सुरक्षा में तैनात बीएमपी जवानों को वापस बुलाना कहीं न कहीं उनके परिवार के खिलाफ खतरनाक मंसूबों का सूचक है। ऐसे में किसी अप्रिय घटना की जिम्मेवारी गृहमंत्री नीतीश कुमार की होगी।


