रवीन्द्रनाथ टैगोर के पैतृक आवास का होगा पुनर्निर्माण
बांग्लादेश में स्थित नोबेल पुरस्कार विजेता एवं महान कवि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के पैतृक आवास कुठीबाड़ी का पुनर्निर्माण कर भारतीय उच्चायोग ने इसे एक संग्रहालय के रूप में विकसित करने की घोषणा की है

कोलकाता । बांग्लादेश में स्थित नोबेल पुरस्कार विजेता एवं महान कवि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के पैतृक आवास कुठीबाड़ी का पुनर्निर्माण कर भारतीय उच्चायोग ने इसे एक संग्रहालय के रूप में विकसित करने की घोषणा की है।
बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग की ओर से इस संबंध में टि्वटर पर उपलब्ध कराई गयी जानकारी के मुताबिक भारत सरकार कुश्तिया जिले के पोतिसर गांव में स्थित महान कवि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के पैतृक निवास का पुनर्निर्माण कर उसे एक संग्रहालय के रूप में विकसित करने का कार्य कर रही है।
तीन एकड़ से अधिक में फैला गुरुदेव का पैतृक निवास अब एक संग्रहालय है और यह भारत और बांग्लादेश की साझा सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। इस संग्रहालय में गुरुदेव टैगोर के जीवन से जुड़ी करीब 300 महत्वपूर्ण चीजों को रखा गया है। इसमें उनका पलंग, कुर्सी और अन्य महत्वपूर्ण सामान भी शामिल है।
कुठीबाड़ी वही जगह है जहां गुरुदेव ने 1912 में अपनी विश्व प्रसिद्ध कविता गीतांजलि का बांग्ला से अंग्रेजी में अनुवाद किया था। इसके लिए उन्हें 10 दिसंबर 1913 को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उनका प्रसिद्ध उपन्यास गोरा भी इसी जगह पर प्रकाशित हुआ था।


