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रबी फसलों की होगी बंपर पैदावार, रकबा 7 फीसदी बढ़ा

देशभर में गेहूं और चना समेत तमाम रबी फसलों की बुवाई जोर पकड़ी है और मौसम अनुकूल रहने से बंफर पैदावार की उम्मीद की जा रही है

रबी फसलों की होगी बंपर पैदावार, रकबा 7 फीसदी बढ़ा
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नई दिल्ली। देशभर में गेहूं और चना समेत तमाम रबी फसलों की बुवाई जोर पकड़ी है और मौसम अनुकूल रहने से बंफर पैदावार की उम्मीद की जा रही है। सभी रबी फसलों का कुल रकबा पिछले साल से तकरीबन सात फीसदी बढ़ गया है।

खासतौर से गेहूं की बुवाई पिछले साल के मुकाबले करीब 10 फीसदी ज्यादा हो चुकी है। चना की बुवाई जो कुछ दिनों पहले तक पिछड़ी हुई थी वह भी पिछले साल से 5.07 लाख हेक्टेयर ज्यादा हो गई है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी रबी फसलों की बुवाई के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देशभर में गेहूं की बुवाई 297.02 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की इस अवधि के मुकाबले 26.27 लाख हेक्टेयर यानी 9.70 फीसदी अधिक है। वहीं, सभी रबी फसलों का रकबा 571.84 लाख हेक्टेयर हो चुका है जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान सभी रबी फसलों का कुल रकबा 536.35 लाख हेक्टेयर था। इस प्रकार पिछले साल के मुकाबले रबी फसलों की बुवाई 35.49 लाख हेक्टेयर यानी 6.62 फीसदी ज्यादा हो चुका है।

रबी सीजन की सबसे प्रमुख दलहन फसल चना का रकबा 94.96 लाख हेक्टेयर हो चुका है जोकि पिछले साल की इसी अवधि के रकबे के मुकाबले 5.64 फीसदी ज्यादा है।

वहीं, सभी दलहन फसलों का रकबा 140.13 लाख हेक्टेयर हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 3.30 लाख हेक्टेयर अधिक है।

हालांकि रबी सीजन की तिलहन फसलों का रकबा अब तक पिछले साल से 60,000 हेक्टेयर कम है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, देशभर में तिलहन फसलों की बुवाई चालू रबी सीजन में 74.12 लाख हेक्टेयर में हुई है।

गौरतलब है कि भारत खाद्य तेल की अपनी जरूरतों को तकरीबन दो तिहाई आयात करता है। पाम तेल, सोया तेल समेत अन्य खाद्य तेलों का आयात महंगा होने के कारण देश में खाने के तेल की कीमतों में विगत कुछ महीनों से भारी तेजी आई है। ऐसे में तिलहनों की खेती के प्रति किसानों की दिलचस्पी कम होना चिंता का विषय है।

दिलचस्प बात यह है कि मोटे अनाज की खेती के प्रति किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है। चालू रबी सीजन में मोटे अनाजों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 4.54 लाख हेक्टेयर बढ़कर 46.66 लाख हेक्टेयर हो गया है। कारोबारी बताते हैं कि देश में पशुचारे की जोरदार मांग के कारण मोटे अनाजों की कीमतों में इस साल जबरदस्त तेजी रही है।

देश में इस साल मानसून के मेहरबान रहने से खेतों में जहां नमी बनी हुई है, वहीं जलाशयों में भी पर्याप्त पानी भरा हुआ है जिससे रबी फसलों की सिंचाई की समस्या नहीं है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इस साल आने वाले दिनों में अगर मौसम अनुकूल रहा तो रबी फसलों की बंपर पैदावार हो सकती है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत आने वाले वाले भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर), करनाल के निदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने विगत दिनों आईएएनएस से बातचीत में कहा कि रबी सीजन के दौरान मौसम अगर अनुकूल रहा तो पिछले साल के मुकाबले इस साल गेहूं का ज्यादा उत्पादन हो सकता है, जिससे एक नया रिकॉर्ड बन सकता है।


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