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लाईसेंस अनिवार्य नहीं होने से कुकुरमुत्तों की तरह तंबाकू बेचने वालों की कतारें

राजस्थान में शहर गांव की गली गली में कुकुरमुत्तों की तरह तंबाकू बेचने वालों की बढ़ती तादाद को रोकने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं ने तंबाकू बेचने वालों के लिए लाईसेंस अनिवार्य करने की आवश्यकता ।

लाईसेंस अनिवार्य नहीं होने से कुकुरमुत्तों की तरह तंबाकू बेचने वालों की कतारें
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बांसवाड़ा। राजस्थान में शहर गांव की गली गली में कुकुरमुत्तों की तरह तंबाकू बेचने वालों की बढ़ती तादाद को रोकने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं ने तंबाकू बेचने वालों के लिए लाईसेंस अनिवार्य करने की आवश्यकता बताते हुए कहा है कि बिना अनुमति के मौत का सामान बेचना बहुत खतरनाक है।

इन संगठनों का मानना है कि लाईसेंस की अनिवार्यता से तंबाकू बिक्री पर रोक की इनकी वर्षों पुरानी मांग पूरी नहीं होती लेकिन इस पर अंकुश अवश्य लग सकता है। इन्होंने कहा कि आसान उपलब्धता के कारण लोग इस खतरनाक पदार्थ को खरीदते हैं तथा लाईसेंस की अनिवार्यता नहीं होने के कारण कोई उन्हें रोक भी नहीं पाता। आज के समय में नैतिकता के आधार पर रोकना बहुत मुश्किल है। सहज उपलब्धता का ही नतीजा है कि 5500 लोग प्रतिदिन तंबाकू के नए उपभोक्ता बनते हैं।

वाग्धारा संस्था द्वारा राजस्थान को तंबाकू मुक्त बनाने के बारे में आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने वक्ताओं ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि तंबाकू से देश में प्रतिदिन 2700 लोग मरते हैं इसके अलावा तंबाकू जनित बीमारियों पर लाखों का खर्च होता है। वक्ताओं ने कहा कि तंबाकू मुक्त करने की पहली सीढ़ी लाईसेंस की अनिवार्यता हो सकती लेकिन इस पर अंकुश तो तभी लग सकता है जब कि इसके उत्पादन पर ही रोक लगा दी जाए। वक्ताओं ने ज़ोर दे कर कहा कि तंबाकू खेती पर रोक की तैयारी शुरू करने से पहले किसानों की आय के वैकल्पिक साधन अभी से ढूंढ लिए जाए। उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी कंपनियाँ जनमत के कारण ही तंबाकू व्यवसाय को छोड़ कर दूसरे व्यवसाय का रुख कर रहे हैं लेकिन असल में सरकार को होने वाला राजस्व और तंबाकू के व्यवसाय ने मानव जाति के लिए खतरनाक माने जाने वाले इस पदार्थ की बिक्री को बंद करने में आड़े आ रहा है।

कैम्पेन फॉर टोबेको फ्री किड्स के नरेंद्र कुमार ने इसे एक ऐसा व्यवसाय बताया जिसमे एक तंबाकू कंपनी अपने श्रेष्ठ उपभोक्ता की जान लेती है। समाज सेवी धरमवीर कटेवा ने कहा कि सरकार को तंबाकू से होने वाले राजस्व की तुलना में स्वास्थ्य पर होने वाले पांच गुना अधिक खर्च को रोकने पर विचार करना चाहिए ।

गायत्री परिवार के अध्यक्ष जी डी पटेल ने इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की। समग्र सेवा संघ के अध्यक्ष सवाई सिंह ने सरकार का ध्यान इस ओर दिलाने से मांग की कि तंबाकू उत्पादकों के लिए वैकल्पित उद्योग की व्यवस्था कर राज्य में तंबाकू के उत्पादन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगना चाहिए। डॉ आर सी साहनी ने तंबाकू विक्रय को देश की जनता के खिलाफ एक षड्यंत्र करार दिया।


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