कोरोना प्रभावित राज्यों में केंद्रीय टीम भेजने के तरीक़े पर सवाल
तृणमूल कांग्रेस ने कोरोना महामारी (कोविड-19) को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल में भेजी गई टीम का स्वागत किया है

नयी दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस ने कोरोना महामारी (कोविड-19) को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल में भेजी गई टीम का स्वागत किया है लेकिन आरोप लगाया है कि इसके पीछे सरकार की मंशा कुछ और लगती है।
तृणमूल के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने उन राज्यों में अपनी टीम बहुत कम भेजी है जहां कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या बहुत अधिक है लेकिन पश्चिम बंगाल में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या कम होने के बावजूद उसके सात जिलों में केंद्रीय टीम भेजी गई हैं। उन्होंने अपने इस आरोप के समर्थन में एक ग्राफ़ भी पेश किया है जिसके अनुसार देश में सर्वाधिक मरीज महाराष्ट्र में है और उनकी संख्या 5860 है लेकिन वहां केवल तीन जिलों में ही केंद्रीय टीम भेजी गई है। गुजरात कोरोना से संक्रमित मरीजों की सँख्या की दृष्टि से नंबर दो स्थान पर है और वहां 2550 मरीज है लेकिन उसके केवल दो जिलों में टीम भेजी गई है। इसी तरह राजस्थान तीसरे स्थान पर है जहां 1804 मरीज हैं लेकिन वहां केवल एक जिले में ही केंद्रीय टीम भेजी गई है।
श्री त्रिवेदी ने यह भी कहा है कि मध्यप्रदेश में 1704 मरीज है लेकिन वहां केवल एक जिले में केंद्रीय टीम भेजी गई है जबकि तमिलनाडु में 889 मरीज हैं और वहां भी केवल एक जिले में केंद्रीय टीम भेजी गई है। तेलंगाना में 731 मरीज है और वहां भी एक जिले में टीम भेजी गई है । उन्होंने सवाल उठाया है कि जब बंगाल में केवल 423 मरीज हैं तो उसके सात जिलों में टीम क्यों भेजी गई है। उनका कहना है सरकार द्वारा केंद्रीय टीमों को भेजे जाने का उनकी पार्टी स्वागत करती है लेकिन यह सवाल उठाती है कि केंद्रीय टीमों को भेजे जाने के पीछे मानदंड और तरीके क्या हैं।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस पहले भी आरोप लगाती रही है कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी से लड़ाई में सहयोग नहीं कर रही बल्कि पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव कर रही है और राज्य में स्थिति को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रही है। इसके अलावा कोरोना के मामले में राजनीति अधिक कर रही है जबकि बंगाल में स्थिति नियंत्रण में है।


