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19 तृणमूल नेताओं की संपत्ति पर सवाल : कलकत्ता हाईकोर्ट ने ईडी को मामले में पक्ष बनने का निर्देश दिया

कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पश्चिम बंगाल में सात मौजूदा मंत्रियों सहित 19 दिग्गज नेताओं की संपत्ति के विवरण के संबंध में दायर एक जनहित याचिका में एक पक्ष (पार्टी) होने का निर्देश दिया

19 तृणमूल नेताओं की संपत्ति पर सवाल : कलकत्ता हाईकोर्ट ने ईडी को मामले में पक्ष बनने का निर्देश दिया
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कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पश्चिम बंगाल में सात मौजूदा मंत्रियों सहित 19 दिग्गज नेताओं की संपत्ति के विवरण के संबंध में दायर एक जनहित याचिका में एक पक्ष (पार्टी) होने का निर्देश दिया। कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने 2017 में एक व्यक्ति, बिप्लब चौधरी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया, जिसमें तृणमूल के 19 विधायकों, सांसदों और राज्य सरकार के मंत्रियों की संपत्ति में शानदार वृद्धि पर सवाल उठाया गया है।

जनहित याचिका में, चौधरी ने इन नेताओं द्वारा विभिन्न चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करते समय भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के साथ दायर हलफनामों का हवाला दिया, जो इन नेताओं की संपत्ति में वर्षों से बढ़ोतरी को दर्शाता है।

जनहित याचिका में पश्चिम बंगाल कैबिनेट के दो मृत मंत्रियों के नाम भी शामिल हैं, जिनमें राज्य के पूर्व पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी और राज्य के पूर्व सहकारिता मंत्री साधन पांडे शामिल हैं।

जनहित याचिका में नामित राज्य सरकार के मौजूदा मंत्रियों में राज्य के नगरपालिका मामलों के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम शामिल हैं। इसके अलावा इस सूची में राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु, राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक, राज्य के कानून मंत्री मलॉय घटक, राज्य के सहकारिता मंत्री अरूप रॉय, राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद अहमद खान और पंचायत मामलों के राज्य मंत्री सेउली साहा ने नाम भी शामिल हैं।

सूची में पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी और बैरकपुर से लोकसभा सदस्य अर्जुन सिंह के नाम भी शामिल हैं, जो हाल ही में भाजपा से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

19 नेताओं की सूची में अन्य प्रमुख नामों में सिलीगुड़ी नगर निगम के तृणमूल कांग्रेस के मेयर गौतम देब और सत्तारूढ़ दल के विधायक मदन मित्रा और स्वर्णकमल साहा शामिल हैं। सूची में राज्य के पूर्व वित्त मंत्री और राज्य सरकार के वर्तमान प्रमुख वित्तीय सलाहकार अमित मित्रा का नाम भी शामिल है।

यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है, जब तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता और मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती अनियमितताओं के घोटाले से कथित संबंधों को लेकर न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी अर्पिता मुखर्जी के आवास से कई करोड़ रुपये पहले ही बरामद कर चुकी है।

पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस इस घटनाक्रम को केंद्र सरकार और भाजपा की साजिश के रूप में वर्णित नहीं कर पाएगी, क्योंकि कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने निर्देश दिया है कि ईडी जनहित याचिका में एक पक्ष होगी। उन्होंने कहा, "हम फैसले का स्वागत करते हैं।"

खबर लिखे जाने तक तृणमूल कांग्रेस का एक भी नेता इस घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी करने को तैयार नहीं था।


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