उत्तर प्रदेश मे मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना धांधली में अफसरो पर सवालिया निशान
उत्तर प्रदेश मे मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत इटावा मे हुये समारोह में दो नवविवाहिताओं द्वारा नकली जेवर मिलने की शिकायत से अफसरो की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग गया है

इटावा। उत्तर प्रदेश मे मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत इटावा मे हुये समारोह में दो नवविवाहिताओं द्वारा नकली जेवर मिलने की शिकायत से अफसरो की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग गया है ।
इस संबंध में फिलहाल दो दुल्हनों की ओर से पीड़ा सामने आई है, जिन्हें सुहाग की निशानी के तौर पर नकली पायल-बिछिया मिलीं लेकिन अनुमान यह लगाया जा रहा है कि यह संख्या 12 के आसपास हो सकती है।
इटावा के मुख्य विकास अधिकारी पी.के.श्रीवास्तव ने आज यहॉ बताया कि चांदी के जेवर नकली निकलने का मामला सामने आने के बाद जांच के आदेश दिये गये है । जेवर नकली निकलने पर आपूर्तिकर्ता के खिलाफ कार्रवाई करने की बात सीडीओ की तरफ से कही जा रही है ।
छह फरवरी को इटावा के प्रदर्शनी पंडाल में प्रशासन ने 51 जोड़ों का विवाह कराया था । दुल्हनों को बिछिया और पायल उपहार स्वरूप दी गई थीं । दोनों जेवरों की आपूर्ति के लिए इटावा की ही फर्म को टेंडर मिला था ।
इटावा में प्रभा और कुंती अपनी पायल और बिछिया नकली बता रही हैं । बढ़पुरा ब्लाक के कांधनी सारंगपुरा निवासी आशाराम की पुत्री प्रभा ने बताया कि शादी के कुछ दिन बाद ही जेवर नकली होने की बात सामने आई थी । समय न मिलने के कारण प्रशासन से शिकायत नहीं कर पाए ।
बसरेहर ब्लाक के झम्मनपुरा निवासी कुंती को चांदी की पायल और बिछिया के स्थान पर लोहे की सामग्री दी गई है ।आज पंचायत विभाग के कुछ अफसर इस मामले की जांच करने के लिए बसेरहर पहुंच गये है जिन्होने दुल्हन से पायल और बिछिया जांच के लिए अपने कब्जे मे ले लिये है ।
इससे पहले पडौसी औरैया जिले मे सामूहिक विवाह में शामिल दुल्हनों ने आरोप लगाया है कि उन्हें लोहे की पायल और बिछिया दी गई है, जिसके बाद वह औरेया के डीएम के पास शिकायत करने के लिए पहुंची । यह मामला तब सामने आया जब दुल्हनों ने सुनार के पास इसकी जांच करवाई । जांच में पता चला कि यह पायल और बिछिया लोहे की है ।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले जरूरतमन्द, निराश्रित, निर्धन परिवारों की विवाह योग्य कन्या, विधवा, परित्यकता, तलाकशुदा महिलाओं को शासन द्वारा 35 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत हैं । जिसमें कन्या को अनुदान के रूप में 20 हजार रुपए खाते के माध्यम से प्रदान किये जा रहे हैं इसके साथ 10 हजार रुपए का सामान, साथ ही पांच हजार रुपए खानपान के लिए दिए जा रहे हैं।


