Top
Begin typing your search above and press return to search.

बोइर पड़ाव नेचर कैंप के अस्तित्व पर सवालिया निशान

 पर्यावरण के महत्व को बताने बिलासपुर से 55 किलोमीटर दूर बोइर पड़ाव में नेचर कैंप बनाया गया लेकिन महज़ 4 साल में ही ये अपना अस्तित्व  खोने की कगार पर है

बोइर पड़ाव नेचर कैंप के अस्तित्व पर सवालिया निशान
X

रतनपुर। पर्यावरण के महत्व को बताने बिलासपुर से 55 किलोमीटर दूर बोइर पड़ाव में नेचर कैंप बनाया गया लेकिन महज़ 4 साल में ही ये अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है। लाखों रूपये खर्च कर बनाये गये इस नेचर कैंप के मेंटनेस के लिये अब वन विभाग फंड का रोना रो रहा है।

बिलासपुर जिले के अंतिम छोर में बने वन ग्राम खोंद्रा जंगल के बोइर पड़ाव में सन् 2013—14में वन विभाग बिलासपुर ने नेचर कैंप का निर्माण किया था इस कैंप के अंदर 6 टेंट बनाये गये जिसके अंदर बैड और टायलेट भी है इस कैंप के पास ही जल प्रपात स्थित है जो की अत्यंत मनोहारी है। कैंप के घने जंगलो के बीच में स्थित होने के कारण शहर एवं आस पास के पर्यटक जंगल भ्रमण करने एवं पिकनिक मनाने के लिए बड़ी संख्या में वर्ष भर एकत्रित होते हैं वन मण्डल बिलासपुर ने जिले भर में नेचर कैंप योजना बनाई थी जिसमें खोंद्रा के बोइर पड़ाव में नेचर कैंप का निर्माण कराया गया विभाग ने इसे तैयार तो कर लिया लेकिन मेटेनेश करने के लिये हाथ खड़ा कर लिया वही अब इस कैंप में ताला लगाकर बंद कर दिया गया है।

जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर कैंप पहुंचने वाले पर्यटको को निराश होकर लौटना पड़ता है अभी हाल में नेचर कैंप पूरी तरह उजाड़ नजर आने लगा है चारो तरफ झाड़िया उग आई है। साथ ही टेंट का भी बुरा हाल है टेंट को बांधने वाली रस्सीया धीरे -धीरे टूटने लगी है तेज आंधी आने पर पूरा टेंट ही उखड़ सकता है इसके अलावा चारो तरफ लगाये गये बांस के टुकड़े उखड़ने लगे हैं कुछ टेंट के अंदर बिछाये गये कार्पेट खराब होने लगे हैं।

जिले का हुआ था चयन

इस कैंप के पिछे कछुआ डबरा करीया पानी नाला है दोनो किनारों पर पत्थर है बारिश के समय जलप्रपात का दृश्य देखते ही बनता है इसके अलावा यहां से गरगज पहाड.दिखाई देता है। प्राकृतिक झरना व दर्शनीय स्थल भी इससे लगा हुआ है इनही विशेषताओं के कारण इस जगह को चयन किया।

लाइब्रेरी की योजना फेल

नेचर कैंप के निर्माण के समय ही यहां लाईब्रेरी बनाने की योजना थी, इसमें पर्यटकों वन, पर्यावरण व वन्य जीवों से संबंधित किताबे व पत्रिकायें पढ़ने के लिये मिलती वन विभाग की उदासीनता के चलते आज तक लाईब्रेरी नहीं बन पाई।

उद्देश्य पर फिरा पानी

पर्यावरण प्रशिक्षण केंद्र का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को पर्यावरण व वनो के महत्व से अवगत करना और प्रकृति का संरक्षण व संवर्धन के प्रति रूचि जागृत करना लेकिन 4 साल में यह उद्देश्य पूरा नही हो पाया किसी भी स्कूल के छात्रों का यहां कैंप नही लगा और न ही उन्हें पर्यावरण से जुड़ी जानकारियां दी गई। भ्रमण केंद्र के रूप में इसकी पहचान बनी थी विभागीय उदासीनता के कारण वह भी समाप्त हो गई।
विभाग ने जिला प्रशासन से मांगी राशि

इस संबंध में बिलासपुर वन मण्डल के अधिकारी का कहना है निर्माण के बाद कैंप के लिए कोई फंड नही मिला 4 साल तक इसका अस्तित्व बनाये रखने के लिए कोशिश की गई अब इसके मेंटनेंस के लिए वन मंडल के पास रकम नहीं है। जर्जर स्थिति से दुर्घटना होने की आशंका है पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर मेेंटनेंस होने तक इसे बंद कर दिया गया है कलेक्टर से आर्थिक मदद मांगी गई है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it