पुरूलिया के कलाकारों के नृत्य ने किया प्रभावित
बैरिस्टर छेदीलाल स्मृति सम्मान समारोह के अंतिम दिन कल रात को पश्चिम बंगाल पुरूलिया के कलाकारों ने महिसासुर मर्दनी जगत जननी जगदम्बा पर बेहद आकर्षक छऊ नृत्य प्रस्तुत किया
जांजगीर। बैरिस्टर छेदीलाल स्मृति सम्मान समारोह के अंतिम दिन कल रात को पश्चिम बंगाल पुरूलिया के कलाकारों ने महिसासुर मर्दनी जगत जननी जगदम्बा पर बेहद आकर्षक छऊ नृत्य प्रस्तुत किया। नृृत्य में जगत जननी के साथ ब्रम्हा, विष्णु और महेश के विभिन्न प्रसंगों को रेखांकित किया गया। छऊ नृत्य की सुंदर प्रस्तुति ने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस नृत्य में कलाकारों की मेहनत और उनकी प्रतिभा प्रदर्शित हो रही थी। जांजगीर के महेन्द्र राठौर के म्युजिकल ग्रुप द्वारा प्रस्तुत सुगम संगीत, गजल एवं भजन के बोल और धुन को दर्शकों ने सराहा। महेन्द्र राठौर ने झीना झीना झीना उड़ा गुलाल माई तेरी चुनरिया हंगामा है क्यों बरपा, रफ्ता-रफ्ताओं में हस्ती का सामा खो गया जैसी लोकप्रिय गजलें सुनाई।
उनके द्वारा गाये गये कबीर के सूफी भजन सखी कासे कहुं मोहे पी की नजरिया मार गई को दर्शकों ने काफी पसंद किया। पार्श्व गायक मोहम्मद अजीज ने अपने सधे स्वर में अनेक फिल्मी गीत सुनायें। उनके द्वारा प्रस्तुत मेरा करमा तु, मेरा धर्मा तु गाने से शहीद स्मारक परिसर गुंज उठा।
उन्होंने ईमली का बुटा बेरी का पेड़, मैं कहीं कवि ना बन जाऊं जैसे प्रसिद्ध फिल्मी गीतों से दर्शकों का मनोरंजन किया। कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन, एसपी अजय यादव, जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत, पूर्व नगर पालिका परिषद जांजगीर-नैला के अध्यक्ष रघुराज प्रसाद पाण्डेय, बैरिस्टर छेदीलाल अकादमी के अध्यक्ष देवेश सिंह तथा बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।


