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पंजाब : पुलिस ने एमपी-आधारित हथियार तस्करी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, टारगेट किलिंग की साजिश नाकाम; 9 पिस्तौलें बरामद

पंजाब पुलिस ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के सुरक्षित राज्य बनाने के अभियान को मजबूती देते हुए मध्य प्रदेश आधारित अवैध हथियार तस्करी मॉड्यूल का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया

पंजाब : पुलिस ने एमपी-आधारित हथियार तस्करी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, टारगेट किलिंग की साजिश नाकाम; 9 पिस्तौलें बरामद
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अमृतसर। पंजाब पुलिस ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के सुरक्षित राज्य बनाने के अभियान को मजबूती देते हुए मध्य प्रदेश आधारित अवैध हथियार तस्करी मॉड्यूल का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया। पुलिस कार्रवाई में 9 पिस्तौलें बरामद हुईं और एक गिरफ्तारी भी हुई।

काउंटर इंटेलिजेंस (सीआई) अमृतसर की टीम ने विशेष खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक संचालक को नौ पिस्तौलों सहित गिरफ्तार कर लिया, जिससे अंतर-गिरोह दुश्मनी के चलते होने वाली टारगेट किलिंग की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने शनिवार को यह जानकारी दी।

गिरफ्तार आरोपी की पहचान अरुण सिंह, निवासी गांव नौशहरा पन्नूआं, तरन तारन के रूप में हुई। उसके कब्जे से बरामद हथियारों में सात .32 बोर पिस्तौल, दो .30 बोर पिस्तौल, संबंधित मैगजीन और पांच जिंदा कारतूस शामिल हैं। डीजीपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि ये हथियार अंतर-गिरोह दुश्मनी के कारण टारगेट किलिंग के लिए खरीदे गए थे। आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए एमपी के अवैध हथियार सप्लायरों से जुड़ा था और पंजाब में अपराधियों को हथियार पहुंचाने का माध्यम बना हुआ था।

सीआई अमृतसर को खुफिया सूचना मिली थी कि मध्य प्रदेश से अवैध हथियारों की एक बड़ी खेप पंजाब पहुंचने वाली है। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने गांव घनूपुर काले के पास बाइपास रोड पर एचपी पेट्रोल पंप के निकट नाकाबंदी की। संदिग्ध वाहन को रोककर तलाशी ली गई, जिसमें हथियारों का जखीरा बरामद हुआ। आरोपी ने पूछताछ में कबूल किया कि वह एमपी के सप्लायरों से नियमित संपर्क में था और हथियारों की डिलीवरी के लिए कमीशन लेता था।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया, "यह सिर्फ शुरुआत है। पूरी सप्लाई चेन का पर्दाफाश करने और अन्य गुर्गों की पहचान के लिए गहन जांच जारी है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां व बरामदगियां होने की संभावना है।" उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर हथियारों की डीलिंग एक नया खतरा बनकर उभरा है, जिसे रोकने के लिए साइबर सेल को भी सक्रिय किया गया है।


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