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पंजाब विधानसभा में वीबी जी राम जी कानून के खिलाफ प्रस्ताव, भगवंत मान ने कही यह बात
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह योजना गरीब, दलित और राज्य विरोधी है। उन्होंने मनरेगा का नाम बदलने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यदि इस योजना में कोई घोटाला हुआ तो क्या हम भगवान राम का नाम लेकर कहेंगे कि जी राम जी योजना में घोटाला हुआ?

चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा ने मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा को समाप्त कर लाए गए विकसित भारत जी राम जी कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाकर उसे बहुमत से खारिज कर दिया। इस प्रकार पंजाब विधानसभा में इस प्रस्ताव को लाकर विरोध करने वाला पहला राज्य बन गया।
नए कानून का तीखा विरोध
इससे पूर्व, चंडीगढ़ में पंजाब विधानसभा में जब प्रस्ताव पारित किया जा रहा था, तब भाजपा के एकमात्र सदस्य अश्विनी शर्मा भी सदन में उपस्थित नहीं थे। हालांकि, उन्होंने बहस में भाग लिया और मनरेगा की खामियों को उजागर किया। चार घंटे से अधिक चली इस बहस में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बसपा और शिअद के विधायकों ने नए कानून का तीखा विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह योजना राज्यों का गला घोंटने की केंद्र सरकार की एक और चाल है।
मान ने योजना को गरीब, दलित व राज्य विरोधी बताया
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह योजना पूरी तरह से गरीब, दलित और राज्य विरोधी है। उन्होंने मनरेगा का नाम बदलने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यदि इस योजना में कोई घोटाला हुआ तो क्या हम भगवान राम का नाम लेकर कहेंगे कि जी राम जी योजना में घोटाला हुआ? उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर भी निशाना साधा। कहा कि जब डा. मनमोहन सिंह ने इस कानून को बनाया था, तब लोकसभा और राज्य सभा में अच्छी बहस हुई थी, लेकिन अब इसे 14 घंटों में रद कर दिया गया।
संघीय ढांचे पर प्रहार बताया
वहीं, भोपाल में मौजूद केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे संघीय ढांचे पर प्रहार बताया। उन्होंने कहा कि पंजाब में भ्रष्टाचार के बहुत मामले हैं लेकिन राज्य सरकार का ध्यान उधर नहीं है। सिर्फ विरोध की राजनीति की जा रही है। पंजाब में सोशल आडिट 13,304 ग्राम पंचायतों में मात्र 5,915 में हुई। गबन के 10,653 मामले सामने आए, पर कार्रवाई नहीं की गई। केंद्रीय टीम ने जांच कर बताया कि इतनी राशि का गबन हुआ है, पर वसूली नहीं की गई।
पंजाब में पंचायतों में गबन हुआ पर वसूली नहीं की गई
केंद्रीय मंत्री शिवराज ने कहा है कि मनरेगा भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई थी। मजदूरों की जगह मशीन और कांट्रैक्टरों से काम कराया जा रहा था। ताज्जुब है कि योजना के विरुद्ध प्रस्ताव पास करने के लिए पंजाब विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया गया। विपक्षी सदस्य अंध विरोध की जगह योजना का उपयोग राज्य के हित में करें। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने संसद में मेरा जवाब नहीं सुना सिर्फ हल्ला मचाया। कांग्रेस तो इतना गैर जिम्मेदार हो गई कि इतने महत्वपूर्ण बिल पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ही सदन से गायब रहे। पता नहीं वह कौन से कल्पनालोक में रहते हैं, देश में तो रहते नहीं।
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