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पंजाब में बुजुर्ग सिख महिला ने कायम की मिसाल, मस्जिद के लिए दान में दी जमीन

75 वर्षीय सिख बुजुर्ग महिला बीबी राजिंदर कौर ने मुस्लिम समुदाय की वर्षों पुरानी जरूरत को समझते हुए अपनी पांच मरले जमीन मस्जिद निर्माण के लिए दान कर दी।

पंजाब में बुजुर्ग सिख महिला ने कायम की मिसाल, मस्जिद के लिए दान में दी जमीन
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फतेहगढ़ साहिब: पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के जखवाली गांव ने धार्मिक सद्भावना और आपसी भाईचारे की ऐसी मिसाल पेश की है, जो आज के दौर में देशभर के लिए प्रेरणा बन सकती है। गांव की 75 वर्षीय सिख बुजुर्ग महिला बीबी राजिंदर कौर ने मुस्लिम समुदाय की वर्षों पुरानी जरूरत को समझते हुए अपनी पांच मरले जमीन मस्जिद निर्माण के लिए दान कर दी। यही नहीं, गांव के हिंदू और सिख परिवारों ने भी मिलकर मस्जिद निर्माण के लिए करीब 3.5 लाख रुपये का आर्थिक सहयोग दिया।

तीन दशक पुरानी मांग हुई पूरी

जखवाली गांव में लंबे समय से मुस्लिम समाज की यह मांग थी कि गांव में ही मस्जिद हो, ताकि नमाज अदा करने के लिए उन्हें दूर न जाना पड़े। अब तक गांव के मुस्लिम परिवारों को इबादत के लिए करीब दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव जाना पड़ता था। खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को इससे काफी परेशानी होती थी। बीबी राजिंदर कौर की ओर से जमीन दान किए जाने के बाद यह मांग आखिरकार पूरी हो गई।

गुरुद्वारे और मंदिर के पास बनेगी मस्जिद

गांव की आबादी में करीब 65 प्रतिशत सिख, 25 प्रतिशत हिंदू और लगभग 10 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। गांव में पहले से गुरुद्वारा साहिब और शिव मंदिर मौजूद हैं, जहां सिख और हिंदू समुदाय के लोग आसानी से प्रार्थना करते हैं। मस्जिद न होने के कारण मुस्लिम समाज को कठिनाई का सामना करना पड़ता था। अब बीबी राजिंदर कौर की जमीन पर, जो गुरुद्वारा साहिब और शिव मंदिर के पास स्थित है, मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है।

परिवार की सहमति से लिया गया फैसला

बीबी राजिंदर कौर के पोते और हाल ही में पंचायत चुनाव में पंच निर्वाचित हुए मोनू सिंह ने बताया कि जब उन्होंने परिवार के साथ मुस्लिम समाज की परेशानी को लेकर चर्चा की, तो उनकी दादी ने बिना किसी हिचक के अपनी जमीन दान करने की इच्छा जताई। परिवार के अन्य सदस्यों ने भी इस फैसले का समर्थन किया।

सिख गुरुओं की शिक्षाओं से मिली प्रेरणा

बीबी राजिंदर कौर का कहना है कि सिख गुरु साहिबानों ने हमेशा मानवता की सेवा और सभी धर्मों के सम्मान की शिक्षा दी है। उसी मार्ग पर चलते हुए उन्होंने यह कदम उठाया। उन्होंने कहा, “मुझे सुकून है कि अब गांव के मुस्लिम भाई-बहनों को नमाज के लिए दूसरे गांव नहीं जाना पड़ेगा। हम सभी एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ रहते हैं और त्योहार भी मिलकर मनाते हैं।”

नींव पत्थर रखकर दिया एकता का संदेश

जमीन मिलने के बाद बीते दिनों पंजाब के शाही इमाम मौलाना उस्मान लुधियानवी ने मस्जिद का नींव पत्थर रखा। इस मौके पर गांव के सिख, हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान आपसी भाईचारे और शांति का संदेश दिया गया।

फरवरी तक पूरा होने की उम्मीद

मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष काला खान ने बताया कि गांव के सभी समुदायों ने मस्जिद निर्माण में हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो फरवरी के आसपास मस्जिद का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

सामाजिक सौहार्द की मजबूत नींव

जखवाली गांव की यह पहल ऐसे समय में सामने आई है, जब समाज में धार्मिक विभाजन और तनाव की खबरें अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। ऐसे में बीबी राजिंदर कौर और गांववासियों का यह कदम यह साबित करता है कि आपसी सम्मान, समझ और सहयोग से हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। जखवाली गांव ने यह संदेश दिया है कि धर्म अलग हो सकते हैं, लेकिन इंसानियत सबसे ऊपर है।


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