Top
Begin typing your search above and press return to search.

पंजाब 2025 तक होगा तपेदिक मुक्त :सिद्धू

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने कहा है कि राज्य सरकार ने 2025 तक पंजाब को तपेदिक मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिये प्रचास किये जा रहे हैं ।

पंजाब 2025 तक होगा तपेदिक मुक्त :सिद्धू
X

चंडीगढ़ । पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने कहा है कि राज्य सरकार ने 2025 तक पंजाब को तपेदिक मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिये प्रचास किये जा रहे हैं ।

उन्होंने आज यहां कहा कि टी.बी. रोग के ख़ात्मे का एकमात्र हल इसका जल्द पता लगाना और उसके बाद मरीज़ को समय पर इलाज मुहैया करवाना है । राज्य भर में टी.बी की जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए वर्कलोड वाले जिला अस्पतालों और सरकारी मेडीकल कॉलेजों में 29 सी.बी. -एन.ए.ए.ट मशीनें लगाई गई हैं। इस अत्याधुनिक मशीन से केवल दो घंटे के समय में टी.बी. का पता लगाया जा सकता है । यह एंटी टी.बी. ड्रग प्रतिरोधक होने का पता भी लगाती है।

श्री सिद्धू ने बताया कि सी.बी. -एन.ए.ए.टी. मशीनें टी.बी. के मरीजों के इलाज के लिए काफ़ी सहायक सिद्ध हो रही हैं और साल 2019 के दौरान सफल इलाज के लिए इन मशीनों के साथ 22,272 संदिग्ध मरीजों का टैस्ट किया गया। उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में टी.बी. के संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए ‘एक्टिव केस फाईंडिंग कैंपेन’ चलाना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इस रोग के फैलाव को रोकने के लिए सितम्बर 2019 में ‘एक्टिव केस फाईंडिंग कैंपेन’ चलाई गई जिसके अंतर्गत 27,55,189 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई और जिनमें से 302 मरीज़ टी.बी. रोग से पीडित पाये गए।
उनके अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों ने टी.बी. के संदिग्ध मामलों का पता लगाने के लिए शहरों और गाँवों के उच्च जोखिम वाले इलाकों में जाकर टी.बी. के लक्षणों का पता लगाने के बाद मरीज़ों को छाती के एक्स-रे, थूक की जांच और इलाज सम्बन्धी मुफ़्त जांच के लिए नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में भेजा गया।

मंत्री ने कहा कि टी.बी. एक छूत की बीमारी है और यह बुज़ुर्गों, कुपोषित बच्चों और नौजवानों में आसानी से फैलती है। देखने में आया है कि बहुत से मामलों में स्वस्थ व्यक्ति भी टी.बी. रोग से जूझ रहे हैं जिन्होंने पता होते हुए भी लंबे समय से हुई खाँसी का इलाज नहीं करवाया और अंत में वह भी टी.बी. रोग की गंभीर अवस्था से पीडि़त पाये गए। सावधानी और प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार हमारे शरीर को कुदरती तौर पर ताकतवर बनाते हैं और हमारे शरीर को छूत की बीमारियों का मुकाबला करने के समर्थ बनाते हैं।

उन्होंने कहा कि डी.ओ.टी. सैंटरों में अज्ञात टी.बी. मरीजों का पता लगाना और इलाज करना एक कारगर विधि है और इसके प्रयोग से निश्चित तौर पर राज्य को टी.बी. मुक्त और आने वाली पीढिय़ों के लिए सुरक्षित बनाया जा सकता है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it