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पंजाब को औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए:  सुनील जाखड़

प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष और लोक सभा सदस्य सुनील जाखड़ ने आज मांग की कि पंजाब की भौगोलिक, आर्थिक स्थिति और इसके अतीत के मद्देनजर इस क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए

पंजाब को औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए:  सुनील जाखड़
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चंडीगढ़। प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष और लोक सभा सदस्य सुनील जाखड़ ने आज मांग की कि पंजाब की भौगोलिक, आर्थिक स्थिति और इसके अतीत के मद्देनजर इस क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए।

जाखड़ ने यहां जारी एक बयान में कहा कि लोक सभा के मानसून सत्र में कांग्रेस पार्टी की तरफ से पंजाब को विशेष औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित करने और राज्य को विशेष आर्थिक पैकेज देने का मुद्दा सदन में उठाया जाएगा।

जाखड़ ने कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है और पाकिस्तान का पड़ोसी होने के कारण प्रदेश ने कई युद्धों की मार अपने शरीर पर झेली है वहीं बेरोजगारी के कारण पहले जहां आंतकवाद को शह मिली वहीं अब इसी बेरोजगारी के कारण नशा पंजाब को तबाह कर रहा है।

उन्होंने कहा कि इस राज्य के औद्योगिक विकास के साथ ही रोजगार के मौके पैदा हो सकते हैं इसलिए राज्य में नए उद्योगों को आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से राज्य को सब्सिडी दी जानी चाहिए और इस क्षेत्र को विशेष औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए।

जाखड़ ने किसानों के लिए कर्ज माफी में केंद्र से प्रदेश की सहायता करने का अनुरोध करते हुए कहा कि पंजाब के मेहनती किसानों ने अपने राज्य के पानी और मिट्टी जैसे कुदरती स्रोत दांव पर लगा कर देश को अनाज के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाया है और ऐसा करते हुए यह किसान इस कद्र ऋणी हो गए कि अब उनके लिए सरकारी मदद के बिना कर्जे में से उभरना मुश्किल है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने सीमित वित्तीय साधनों से किसानों के लिए कर्ज माफी स्कीम आरंभ की है परंतु क्योंकि राज्य के किसानों ने अन्न पूरे मुल्क के लिए पैदा किया था इस लिए भारत सरकार की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि राज्य के किसानों के कर्ज माफी के लिए राज्य सरकार की वित्तीय मदद की जाये।

जाखड़ ने कहा कि पंजाब के छह जिले पाकिस्तान की सरहद के साथ लगते हैं और किसानों की हजारों एकड़ कृषि जमीन सरहद पर लगी कँटीली तार के पार है। उन्होंने कहा कि किसान इस जमीन पर सही तरीके के साथ खेती नहीं कर सकते और इस लिए उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा भी सदन में उठाया जायेगा।


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