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पंजाब : किसानों को भुगतान में देरी पर मंत्री ने कार्रवाई की चेतावनी दी

किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता दर्शाते हुए पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने रविवार को किसानों से खरीदे गए

पंजाब : किसानों को भुगतान में देरी पर मंत्री ने कार्रवाई की चेतावनी दी
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चंडीगढ़। किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता दर्शाते हुए पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने रविवार को किसानों से खरीदे गए धान के लिए उन्हें भुगतान में देरी या कम कीमत चुकाने पर 'अर्थिया' (कमिशन एजेंट) को कार्रवाई की चेतावनी दी। आशु ने यहां एक बयान में कहा, "किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम मूल्य देने पर 'अर्थिया' के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि उत्पादन बाजार नियम अधिनियम, 1962 के मुताबिक, यह राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह 48 घंटों के भीतर भुगतान करे और चेक के माध्यम से किसानों को राशि भेजे।

मंत्री ने कहा कि राज्य में कुछ 'अर्थिया' किसानों को धान का भुगतान चेक के माध्यम से हस्तांतरित नहीं कर रहे हैं। इसके बजाय वह नकद भुगतान में संलप्ति हैं, जो नियमों का उल्लंघन है।

उन्होंने कहा, "इसके अलावा, यह भी संज्ञान में आया है कि किसानों को एमएसपी तक नहीं दिया जा रहा है।"

आशु ने कहा, "किसानों के साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उन्हें उनके उत्पादन की पूरी कीमत दी जानी चाहिए।"

उन्होंने खरीद एजेंसियों के अधिकारियों को निर्धारित समयावधि में भुगतान करने और खरीद प्रक्रिया से संबंधित सभी नियमों का पालन किए जाने को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

पंजाब में इस खरीफ सीजन सरकारी एजेंसियों और निजी मिलों के मालिकों ने करीब 75 लाख टन धान खरीदा है। खरीद एक अक्टूबर से शुरू हुई लेकिन भारी स्टॉक 10 अक्टूबर के बाद आना शुरू हुआ।

राज्य सरकार पहले ही 9,075 करोड़ रुपये का भुगतान 'अर्थिया' और किसानों को उनके खातों में कर चुकी है।

99 फीसदी से ज्यादा खरीद सरकारी एजेंसियों द्वारा की गई है।

केंद्र सरकार ने 2018-19 खरीब बाजार सीजन में धान की खरीद के लिए 29,695.40 करोड़ रुपये की राशि नकदी साख सीमा (सीसीएल) में मंजूर की थी, जबकि पंजाब ने 40,300 करोड़ रुपये की राशि की मांग की थी।

पंजाब ने इस सीजन 200 लाख टन धान की भारी खरीद के इंतजाम किए थे।


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