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पंजाब : कनिष्ठ पुलिस कर्मियों के थाने में कार्यकाल की सीमा तय करने का फैसला

पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के निर्देशों के हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) व मुंशी का एक पुलिस थाने में अधिकतम कार्यकाल तीन साल कर दिया गया है

पंजाब : कनिष्ठ पुलिस कर्मियों के थाने में कार्यकाल की सीमा तय करने का फैसला
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चंडीगढ़। निचले रैंक के अधिकारियों के बीच कथित सांठ-गांठ को तोड़ने व कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए पंजाब पुलिस ने मध्य व निचले पायदान के पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के थानों में कार्यकाल की सीमा तय करने का फैसला किया है। पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के निर्देशों के हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) व मुंशी का एक पुलिस थाने में अधिकतम कार्यकाल तीन साल कर दिया गया है और कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल के कार्यकाल की सीमा 5 साल की गई है।

पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, "नई तबादला नीति के तहत यह भी तय किया गया है कि किसी भी पुलिस थाने के एसएचओ प्रभारी की तैनाती उसके गृह उपखंड में नहीं की जाएगी।"

प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपराधियों व निचले पायदान के पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के बीच सांठ-गांठ की शिकायत पर गंभीर रूप से ध्यान दिया है और उन्होंने डीजीपी सुरेश अरोड़ा को अच्छी फील्ड पोस्टिंग में लंबे कार्यकाल पर रोक लगाने के लिए नई नीति बनाने को कहा है।

पुलिस अधिकारियों के लिए नए दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं।

प्रवक्ता ने कहा, "नई नीति के तहत एक पुलिस थाने के एसएचओ का न्यूनतम कार्यलय एक साल का होगा, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है।"

पंजाब सरकार पर राज्य में मादक पदार्थ माफिया व पुलिस अधिकारियों, खास तौर से मध्य व निचले पायदान के अधिकारियों की सांठ-गांठ पर नियंत्रण करने के लिए भारी दबाव है।


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