पंजाब विधानसभा ने 'बेहद महंगी दवाओं' के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया
पंजाब विधानसभा ने गुरुवार को सर्वसम्मति से एक गैर-आधिकारिक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया है कि दवाओं के अत्यधिक दाम रखकर आम लोगों को लूटने का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा

चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा ने गुरुवार को सर्वसम्मति से एक गैर-आधिकारिक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया है कि दवाओं के अत्यधिक दाम रखकर आम लोगों को लूटने का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। विधायक चरणजीत सिंह ने यहां विधानसभा के चल रहे बजट सत्र के दौरान यह प्रस्ताव पेश किया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह के जवाब के बाद सदन में उपस्थित सभी सदस्यों ने केंद्र सरकार को इस मामले की सिफारिश करने के लिए गैर-आधिकारिक प्रस्ताव पारित किया।
बलबीर सिंह ने अपने जवाब के दौरान चरणजीत सिंह द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव की सराहना की और कहा कि यह मुद्दा उनके दिमाग में पहले से ही था।
उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने भी यह मामला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के संज्ञान में लाया था, जो कुछ दिनों पहले पटियाला गए थे।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कैंसर की दवाओं को पहले ही विनियमित किया जा चुका है, लेकिन गैर-अनुसूचित दवाओं और ई-फार्मेसी को अभी तक विनियमित नहीं किया गया है।
बलबीर सिंह ने कहा कि जब तक इन दवाओं का नियमन नहीं हो जाता, तब तक आम लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने का सबसे आसान तरीका राज्य में अधिक से अधिक 'जन औषधि केंद्र' खोलना है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 25 जन औषधि केंद्र हैं और 16 और स्वीकृत किए गए हैं, जिन्हें जल्द ही खोला जाएगा। उन्होंने सभी विधायकों से भी आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक लोगों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में इन केंद्रों को खोलने के लिए प्रेरित करें, जिससे न केवल आम लोगों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध होंगी, बल्कि रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी।
बलबीर सिंह ने कहा, "स्वास्थ्य प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है और यह राज्य व केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि वह राज्य में समग्र स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा प्रबंधित और वित्त पोषित विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा प्रदान करे।"


