पंजाब विधानसभा अनिश्चित काल के लिये स्थगित
पंजाब विधानसभा कुछ विधायी कामकाज निपटाने के बाद आज अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दी गई ।

चंडीगढ़ । पंजाब विधानसभा कुछ विधायी कामकाज निपटाने के बाद आज अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दी गई ।
गुरू नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित विधानसभा का विशेष सत्र कल बुलाया गया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर उप राष्ट्रपति एम वेंकया नायडु आैर पूर्व प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह शामिल हुये और उन्होंने हरियाणा विधानसभा के सदस्यों और पंजाब विधानसभा के सदस्यों को संबोधित किया । उनका भाषण गुरू नानक देव जी की शिक्षाओं और फलसफे के इर्द गिर्द रहा और दोनों ने महान संत ,समाज सुधारक ,किसान , शिक्षक की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला जिन्होंने बड़े स्पष्ट शब्दों में परमात्मा की व्याख्या करते हुयेे कहा कि परमात्मा ज्योति बिंदू रूप है और हम सभी उसकी संतान । इससे पहले किसी ने इतने साफ शब्दों में परमात्मा की व्याख्या किसी ने नहीं की ।
सदन की कल दो बैठकें हुईं जो गुरू नानक देव के प्रकाश पर्व को समर्पित रहीं । दूसरी बैठक में भी एक प्रस्ताव पारित करके कोई सरकारी कामकाज नहीं किये जाने तथा गुरू जी के जीवन ,उनकी शिक्षाओं पर ही प्रकाश डाला गया । सभी ने गुरू जी ,उनकी शिक्षाओं और दिखाये गये मार्ग पर चलने का संकल्प लेने और उनके बारे में अपने विचार व्यक्त किये ।
आज दूसरे दिन सदन की तीसरी बैठक हुई जिसमें दो प्रस्ताव पारित किये गये । पहला ,पंजाब सरकार की ओर से अकाल तख्त तथा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से सचखंड दरबार साहि में सिख महिलाओं को कीर्तन सेवा करने की अनुमति दिये जाने की विनती की गई । दूसरे प्रस्ताव में सदन की ओर से गुरू नानक देव के प्रकाश पर्व पर अपनी मशरूफियत में से कीमती समय निकाल कर विशेष सत्र की शोभा बढ़ाने पहुंचे उपराष्ट्रपति एम वेंकया नायडु आैर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का सदन की ओर से धन्यवाद करने के लिये प्रस्ताव पारित कर उन्हें भेजने की बात कही और उसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया ।
सदन की बैठक स्थगित किये जाने से पहले तीन विधेयक पंजाब गैर सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं की फीसें रेगुलेट करने के लिये संशोधित बिल ,पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग संशोधन बिल और पंजाब लेजिस्लेचर प्रीवेंशन आफ डिस्क्वालिफिकेशन संशोधन बिल पेश किये गये जिन्हें विपक्ष की ओर से तीखी नोकझोंक के बीच पारित कर दिया गया ।
मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी ने तो पंजाब विधानसभा अयोग्यता पर रोक लगाने के लिये लाये गये संशोधन बिल को लेकर कड़ा विरोध किया तथा प्रतिपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने इसे वापस लेने की मांग करते हुये वाकआउट किया ।
अकाली दल के नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढ़ींढसा ने कहा कि पंजाब का खजाना लुटाया जा रहा है । सरकार के पास कर्मचारियों की समय पर वेतन देने को पैसे नहीं । सरकार खजाना खाली होने का राग अलाप रही है, वहीं मुख्यमंत्री ने छह सलाहकार नियुक्त किये हैं । ओएसडी की फोैज तो पहले भी उनके पास है । किसानों के लिये सरकार के पास पैसा नहीं ,शिक्षक सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं । यदि ये सलाहकार इतने ही काबिल हैं तो इन्हें मंत्री क्यों नहीं बनाया गया । यह लोगों पर बोझ डाला जा रहा है ।
लोक इंसाफ पार्टी के नेता सिमरजीत बैंस ने इस बिल का विरोध करते हुये कहा कि कहां गये कैप्टन अमरिंदर सरकार के वादे । प्रदेश में हालात खराब हैं । पैसा सरकार के पास है नहीं तो इतना बोझ किस लिये डाला जा रहा है ।
इससे पहले विपक्ष ने गैर सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं क फीसें रेगुलेट करने के लिये लाये गये संशोधन बिल पर भी बहस करते इसका विरोध किया ।
विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने सदन की बैठक अनिश्चिताल के लिये स्थगित कर दी ।


