एचआईवी पर जन-जागरूकता जरूरी : त्रिवेन्द्र
उत्तराखंड में एच.आई.वी. संक्रमित लोगों को ए.आर.टी. की दवा प्राप्त करने और ए.आर.टी. केन्द्र आने-जाने के लिए राज्य के रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की जाएगी

देहरादून। उत्तराखंड में एच.आई.वी. संक्रमित लोगों को ए.आर.टी. की दवा प्राप्त करने और ए.आर.टी. केन्द्र आने-जाने के लिए राज्य के रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही ए.आर.टी. केन्द्रों में ईलाज करवाने वाले स्थायी निवासियों को एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत संविदा पर कार्यरत चिकित्सकों को भी राज्य के अन्य सामान्य चिकित्सकों (संविदा) की भाँति ही मानदेय दिया जाएगा। इस पर होने वाले अतिरिक्त व्यय को राज्य सरकार की अोर से वहन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में बुधवार को हुई राज्य एड्स काउन्सिल की चतुर्थ बैठक में यह निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एड्स के प्रति जागरूकता पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिये।
श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में एड्स एवं उसके कारणों पर अध्ययन किया जाना चाहिए ताकि राज्य एड्स काउन्सिल के गठन का उद्देश्य पूर्ण हो सके। उन्होंने कहा कि अध्ययन से प्राप्त डाटा का विश्लेषण कर एड्स पर नियन्त्रण के लिए योजनाएं बनायी जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि एच.आई.वी. की रोकथाम एवं नियन्त्रण हेतु निर्धारित विशेष दिवसों जैसे राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस एवं विश्व एड्स दिवस के साथ ही समय-समय पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
कैबिनेट मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कहा कि युवा वर्ग में एड्स होने का प्रमुख कारण ड्रग्स हेतु संक्रमित सिरिंज का इस्तेमाल किया जाना महत्वपूर्ण कारण है। इसके लिए आवश्यक है कि युवा वर्ग को इसके प्रति जागरूक करने के लिए विद्यालयों, काॅलेजों एवं विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। साथ ही पुलिस विभाग द्वारा लगातार एंटी ड्रग्स कैंपेन चलाया जाना चाहिए।


