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पाक सेना को बदनाम करने के आरोप में पीटीआई समर्थक को 3 साल कैद की सजा

फैसलाबाद की एक जिला और सत्र अदालत ने ट्विटर पर वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व के खिलाफ 'अत्यधिक अप्रिय और डराने वाला अभियान' चलाकर पाकिस्तानी सेना को 'बदनाम' करने के आरोप में एक पीटीआई समर्थक को तीन साल कैद की सजा सुनाई है

पाक सेना को बदनाम करने के आरोप में पीटीआई समर्थक को 3 साल कैद की सजा
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इस्लामाबाद। फैसलाबाद की एक जिला और सत्र अदालत ने ट्विटर पर वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व के खिलाफ 'अत्यधिक अप्रिय और डराने वाला अभियान' चलाकर पाकिस्तानी सेना को 'बदनाम' करने के आरोप में एक पीटीआई समर्थक को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्टों में दी गई। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 वर्षीय सिकंदर जमान को पिछले साल संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने इलेक्ट्रॉनिक अपराध अधिनियम, 2016 की रोकथाम अधिनियम, 2016 और पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराने के बाद गिरफ्तार किया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान लॉयर्स फोरम के अनुसार, उनके ट्विटर अकाउंट पर 184 फॉलोअर्स थे।

जमान का मोबाइल फोन और ट्विटर अकाउंट भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।

डॉन की खबर के अनुसार, एफआईआर में कहा गया है कि जमान ने समाज में 'दहशत फैलाने' के इरादे से पिछले साल 'हेलीकॉप्टर दुर्घटना से संबंधित' पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक ट्वीट पोस्ट किया था।

अगस्त 2022 में बलूचिस्तान के लासबेला जिले में एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से सेना के छह अधिकारी और सैनिक मारे गए थे। दुर्घटना के मद्देनजर एक सोशल मीडिया अभियान सामने आया, जिसकी सेना ने 'असंवेदनशील' बताकर निंदा की। एफआईए ने अभियान चलाने वाले अपराधियों का पता लगाना शुरू कर दिया है।

जमान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई समर्थक को अदालत में पेश किया गया और मुकदमा शुरू हुआ। 8 फरवरी को सुनवाई पूरी हुई और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मुंसिफ खान ने आदेश की घोषणा की।

डॉन की खबर के मुताबिक, फैसले में कहा गया है कि आरोपी ने इस बात से इनकार नहीं किया कि वह ट्विटर अकाउंट उसी का है।


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