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प्रदेश में खराब ट्रांसफार्मर को ठीक कराने की बजाय नया ट्रांसफार्मर लेने का प्रावधान: पुष्पेन्द्र

राजस्थान के ऊर्जा राज्य मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में विद्युत हादसों को टालने के लिये अब आपूर्ति कंपनी से खराब ट्रांसफार्मर को ठीक कराने की बजाय नया ट्रांसफार्मर लेने का प्रावधान किया ग

प्रदेश में खराब ट्रांसफार्मर को ठीक कराने की बजाय नया ट्रांसफार्मर लेने का प्रावधान: पुष्पेन्द्र
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जयपुर। राजस्थान के ऊर्जा राज्य मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में विद्युत हादसों को टालने के लिये अब आपूर्ति कंपनी से खराब ट्रांसफार्मर को ठीक कराने की बजाय नया ट्रांसफार्मर लेने का प्रावधान किया गया है।

सिंह ने आज विधानसभा के प्रश्नकाल में कांग्रेस के घनश्याम मेहर के प्रश्न का जवाब देते हुये कहा कि प्रदेश में विद्युत हादसों को टालने के लिये यह व्यवस्था की गयी है।

कांग्रेस के घनश्याम मेहर ने प्रश्नकाल में प्रदेश में ट्रांसफार्मर में विस्फोट के कारण विद्युत उपकरणों के खराब होने , लोगों की मृत्यु होने और हादसों में प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा नहीं दिये जाने का मुद्दा उठाते हुये सरकार पर आरोप लगाया कि वह इन प्रकरणों में अधिकारियों को जिम्मेदारी से बचाने में जुटी हुयी है।

उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग के अधिकारियों ने ट्रांसफार्मर कंपनियां खोल रखी है और विद्युत अधिनियमों का खुला उल्लंधन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विद्युत हादसे होने पर किसी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिये।

ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को बचाने के आरोपों को निराधार बताते हुये कहा कि ट्रांसफार्मर विस्फोट प्रकरण में राज्य सरकार ने भल्ला फेब्रिक्स कंपनी के खिलाफ उचित कार्यवाही कर उसे शो कॉज नोटिस दिया है तथा उसे काली सूची में डालने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने खोतोलाई ट्रांसफार्मर विस्फोट प्रकरण का हवाला देते हुये कहा कि इस प्रकरण में राज्य सरकार ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में एक अधीक्षण अभियंता सहित कुछ कर्मचारियों को निलंबित किया गया है।

सिंह ने कहा कि खोतोलाई प्रकरण के बाद संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में गठित जांच समिति की सिफारिश के आधार पर ट्रांसफार्मर के लिये नये प्रावधान लागू किये है।इसके तहत अब खराब ट्रांसफार्मर को ठीक कराने की बजाय आपूर्ति कंपनी से नया ही उपलब्ध कराने की शर्त रखी गयी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास साढ़े चार लाख विद्युत ट्रांसफार्मर उपलब्ध हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी ट्रांसफार्मर की गुणवता बढ़ाने और हादसों को टालने के लिये कई सुरक्षा उपाय भी लागू किये है। उन्होंने कहा कि इसके तहत प्रेशर रिलीज वाल्व लगाने की नयी व्यवस्था शुरू की गयी है। उन्होंने कहा कि विद्युत सुरक्षा की दृष्टि से राजस्थान में पहली बार फीडर इक्यूपमेंट कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिससे गत तीन सालों में विद्युत हादसों में कमी आयी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 962 विद्युत हादसे हुए हैं जिसमें से 378 प्रभावितों को पूरा मुआवजा दे दिया गया है तथा प्रकरण लम्बित हैं जिसकी जांच करायी जा रही है तथा शेष 384 प्रकरणों को खारिज किया गया है।

सिंह ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा अपनाये गये सुरक्षा उपायों के कारण विद्युत हादसों में मृतकों की संख्या में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय एक हजार से अधिक विद्युत श्रमिकों की मृत्यु हुयी थी जबकि इस सरकार के कार्यकाल में 655 विद्युत श्रमिकों की मृत्यु हुयी है।

उन्होंने कहा कि कुछ हादसे लोगों द्वारा अपने स्तर पर ही सिंगल फेस को थ्री फेस में कन्वर्ट करने के दौरान हुये हैं। उन्होंने कहा कि कल भी राजस्थान के दौसा में इसी कारण एक काश्तकार की मृत्यु हो गयी।

कांग्रेस के गोविंद डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में अधिकारी फर्जी नामों से ट्रांसफारमर कंपनियां चला रहे है और राज्य सरकार जानबूझकर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही कर रही है।

कांग्रेस के ही भजन लाल जाटव ने ट्रांसफार्मर अधिक दरों पर खरीदने और हादसों में प्रभावित लोगों को मुआवजा देने में भेदभाव करने का आरोप लगाया। कांग्रेस के ही सुखराम विश्नोई ने कहा कि विद्युत हादसों में प्रभावित लोगों की क्षतिपूर्ति में भेदभाव किया जा रहा है और कई परिवारों को अभी मुआवजा नहीं दिया गया है।



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