Top
Begin typing your search above and press return to search.

देश के 31 जिलों में अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान : गृह मंत्रालय

नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत केंद्र सरकार ने 31 जिलों के जिला कलेक्टरों को अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को नागरिकता देने की शक्तियां प्रदान की हैं।

देश के 31 जिलों में अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान : गृह मंत्रालय
X

नई दिल्ली, 7 फरवरी: नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत केंद्र सरकार ने 31 जिलों के जिला कलेक्टरों को अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को नागरिकता देने की शक्तियां प्रदान की हैं। ये नागरिकता इन देशों से आए और लंबे समय से यहां रह रहे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को दी जा रही है। गृह मंत्रालय ने लोकसभा में ये जानकारी साझा की है। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 16 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार ने 31 जिलों के जिला कलेक्टरों को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5 के तहत पंजीकरण द्वारा और धारा 6 के तहत प्राकृतिककरण द्वारा नागरिकता प्रदान करने की अपनी शक्ति प्रत्यायोजित की है।

मंत्रालय ने बताया कि इन जिलों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों जैसे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई से संबंधित व्यक्तियों को नागरिकता दी जा सकती है। सरकार ने बताया कि इन सभी को भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण की अनुमति दी जा सकती है या उन्हें देश के नागरिक का प्रमाण पत्र दिया जा सकता है।

गृह मंत्रालय के मुताबिक 31 जिलों में छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग और बलौदाबाजार, गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर, कच्छ, मोरबी, राजकोट, पाटन, वडोदरा, आनंद और मेहसाना, मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर, महाराष्ट्र में नागपुर, मुम्बई, पुणे और ठाणे, राजस्थान के जोधपुर, जैसलमेर, जयपुर, जालौर, उदयपुर, पाली, सिरोही और बाड़मेर, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली, हरियाणा के फरीदाबाद और पंजाब के जालंधर जिले शामिल हैं।

गौरतलब है कि विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के बजाय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत ये नागरिकता दी जा रही है। बता दें कि 2019 में पारित सीएए में भी तीनों देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है। हालांकि सीएए अभी तक लागू नहीं किया गया है, क्योंकि इसके तहत नियम बनाए जाने बाकी हैं। इसलिए इसके तहत किसी को अभी नागरिकता नहीं दी जा सकती।



Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it