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किसानों की आत्महत्या मामले पर विस में घमासान सत्तापक्ष-विपक्ष ने की नारेबाजी, भाजपा विधायकों का बहिर्गमन

किसानों की आत्महत्या के मामले को लेकर आज विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्षी भाजपा विधायकों के बीच जोरदार हंगामा हुआ

किसानों की आत्महत्या मामले पर विस में घमासान सत्तापक्ष-विपक्ष ने की नारेबाजी, भाजपा विधायकों का बहिर्गमन
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रायपुर। किसानों की आत्महत्या के मामले को लेकर आज विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्षी भाजपा विधायकों के बीच जोरदार हंगामा हुआ। इस मुद्दे में सत्ता पक्ष विपक्ष पर हावी नजर आया। प्रश्रकाल में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के अलावा शिवरतन शर्मा ने किसानों की मौत पर सरकार को घेरने की कोशिश की। सत्ता पक्ष की ओर से भाजपा पर जमकर आरोप लगाए गए। दोनों तरफ से नारेबाजी भी हुई। अंतत: मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर भाजपा विधायकों ने नारेबाजी कर सदन से बहिर्गमन किया।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सवाल उठाते हुए कहा कि दस महीनों के भीतर 141 किसानों ने आत्महत्या की है। प्रदेश में जो किसान है आधार व्यवस्था है। किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। आत्महत्या करने वाले किसानों पर ही आरोप लगा दिया जाता है। किसानों की आत्महत्या की जांच होनी चाहिये। उन्होंने मृत किसानों के परिजनों के साथ न्याय तथा उन्हें मुआवजा देने की मांग की।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने जवाब में बताया कि अप्रैल 2020 से 1 फरवरी 2021 तक की अवधि में कुल 141 किसानों ने विभिन्न कारणों से आत्महत्या की है। पिछले 15 सालों के कार्यकाल में कितने किसानों ने आत्महत्या की, यह हमने देखा है। यह राजनीति का विषय नहीं है। भाजपा किसानों की आत्महत्या पर राजनीति कर रही है। पिछली सरकार में भी किसानों की आत्महत्या पर कभी मुआवजा नही दिया गया। इसकी कोई नीति भी नही है।

धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार के पास इतना भी समय नहीं है कि आत्महत्या करने वाले किसानों के घर जाकर सांत्वना दे दे। सहानुभूति पूर्वक सरकार को आर्थिक मदद के बारे में विचार करना चाहिए।

हमारे खिलाफ तो एफआईआर किया गया था : मुख्यमंत्री

इस मामले में बचाव करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछली सरकार में चंद्रशेखर साहू कृषि मंत्री थे। तब उन्हीं के गांव में एक किसान ने आत्महत्या कर ली थी। तब धनेंद्र साहू प्रदेश अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में हम उस गांव में गए थे। उस वक्त फोटो शेषन करवाया गया था। हम सबके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। हम पेशी में खड़े होते थे। कांग्रेस विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा कि पिछली सरकार में मैंने ये सवाल लगाया था कि आत्महत्या करने वाले कितने किसानों को मुआवजा दिया गया। मुझे तब जवाब दिया गया था कि एक भी किसान को मुआवजा नहीं दिया गया।

बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि कोंडागांव जिले के किसान धनीराम ने आत्महत्या की थी। उसके अभिलेखों और फसल गिरदावरी में त्रुटि पाए जाने की वजह से पटवारी डोंगर नाग को निलंबित कर दिया गया। निलंबन ही पर्याप्त नहीं है। एफआईआर भी होनी थी। तहसीलदार पर क्या कार्रवाई की गई। नकली खाद बीज को लेकर किसान ने आत्महत्या की, क्या जांच हुई?

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि आत्महत्या करने वाले किसानों में से सिर्फ एक किसान के पास से सुसाइड नोट मिला था। नकली खाद बीज का मामला सामने आने के बाद राजनांदगांव में छापा मारा गया। भाजपा के एक नेता का नाम सामने आया। वह किससे जुड़ा है? मंत्री के इस जवाब से भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। सत्ता पक्ष ने भी इसपर हंगामा किया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर भाजपा विधायकों ने बहिर्गमन कर दिया।


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