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मोदी को काला झंडा दिखाने के आरोप में 10 प्रदर्शनकारी हिरासत में

पूर्वात्तर के तीन राज्यों के दौरे के क्रम में यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को बाधित करने या बाधा पहुंचाने की कोशिश के आरोप में 10 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया

मोदी को काला झंडा दिखाने के आरोप में 10 प्रदर्शनकारी हिरासत में
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गुवाहाटी। पूर्वात्तर के तीन राज्यों के दौरे के क्रम में यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को बाधित करने या बाधा पहुंचाने की कोशिश के आरोप में अलग-अलग स्थानों से 10 से अधिक लोगों को आज हिरासत में लिया गया।

पुलिस के मुताबिक कामरूप (एम) के उपायुक्त कार्यालय के पास से आज सुबह चार युवकों को हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि इन युवकों को लोकसभा से पारित हुए नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के विरोध में श्री मोदी के कार्यक्रम में बाधा डालने की कोशिश करने की खूफिया जानकारी के आधार पर हिरासत में लिया गया।

मोदी को काला झंडा दिखाने तथा उनके काफिले को बाधित करने के प्रयास के आरोप में शहर के भरालु और सत्गांव इलाके से भी कुछ युवकों को हिरासत में लिया गया है।

पुलिस ने दावा किया कि श्री मोदी का यहां राजभवन से गुवाहाटी हवाई अड्डे तक का सफर बगैर किसी बाधा के सुचारू रहा। किसी प्रकार के प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए पहले ही पूरे शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी थी।

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसु) ने शुक्रवार शाम श्री मोदी के आगमन पर काले झंडे लहराए थे और आज भी श्री मोदी की यात्रा के विरोध में प्रदर्शन किया। आसु की ओर से शनिवार को राज्य भर में श्री मोदी के पुतले जलाये जायेंगे।

इस बीच, श्री मोदी की यात्रा के विरोध में ताई अहोम युवा परिषद द्वारा 12 घंटे के राज्यव्यापी बंद के कारण पूर्वी असम के कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ।

मोदी शुक्रवार शाम गुवाहाटी पहुंचे और राजभवन में रात बिताई। श्री मोदी अपने पूर्वाेत्तर यात्रा के पहले चरण में अरुणाचल प्रदेश के लिए आज सुबह रवाना हुए। वह सरहद पर एक सार्वजनिक रैली में भाग लेने के लिए श्री मोदी एक बार फिर गुवाहाटी लौटेंगे तथा आज शाम अपनी यात्रा के अंतिम चरण के लिए त्रिपुरा के लिए रवाना होंगे।

यहां के स्थानीय लोग नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 का विरोध कर रहे हैं, जो भारत में सात साल निवास करने वाले बांगलादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों, पारसियों, इसाइयों, बौद्धों और जैन समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिता प्रदान करता है।

लोकसभा ने आठ जनवरी को ध्वनिमत से इस विधेयक को पारित किया था, लेकिन यह राज्यसभा में फिलहाल लंबित है।


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