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वक्फ कानून और महंगाई के खिलाफ प्रतिरोध मार्च 12 अप्रैल को

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने वक्फ कानून बनाए जाने के खिलाफ ऑल इंडिया तंजीम-ए-इंसाफ एवं अन्य संगठन के आह्वान पर 12 अप्रैल को राज्य के सभी जिलों तथा प्रखंडों में आहूत प्रतिरोध मार्च का पूर्ण समर्थन देने का निर्णय लिया है

वक्फ कानून और महंगाई के खिलाफ प्रतिरोध मार्च 12 अप्रैल को
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पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने वक्फ कानून बनाए जाने के खिलाफ ऑल इंडिया तंजीम-ए-इंसाफ एवं अन्य संगठन के आह्वान पर 12 अप्रैल को राज्य के सभी जिलों तथा प्रखंडों में आहूत प्रतिरोध मार्च का पूर्ण समर्थन देने का निर्णय लिया है।

भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि प्रतिरोध मार्च में पार्टी सदस्यों की भागीदारी होगी। प्रतिरोध मार्च के समापन स्थल पर वक्फ कानून की प्रतियां जलायी जाएगी तथा इस कानून के जरिये साम्प्रदायिक तनाव भड़काने, गैस की कीमत में बढ़ोतरी, महंगाई और बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने एवं अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों पर केन्द्र सरकार के हमले को उजागर किया जाएगा।

पांडेय ने कहा है कि केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का वक्फ कानून पूरी तरह असंवैधानिक है क्योंकि यह वक्फ पर चुनिंदा प्रतिबंध लगाकर संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है। यह कानून अनुच्छेद 25 तथा अनुच्छेद 26 की भी अवहेलना करता है। अपनी कानूनी खामियों से परे, यह कानून साम्प्रदायिक तनाव को भड़काने और आर्थिक संकट एवं बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की एक रणनीति है।

भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि वक्फ कानून में संशोधन अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर सीधा हमला है, जिससे उनकी भूमि हड़पने में मदद मिलेगी। वक्फ परिषद् का पुनर्गठन अल्पसंख्यक संस्थानों में अनुचित हस्तक्षेप है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्पष्ट समझ है कि इस तरह के हस्तक्षेप से अल्पसंख्यक समुदाय के चर्च, गुरुद्वारे और मंदिर सहित अन्य धार्मिक संस्थानों को सरकार द्वारा नियंत्रित करने की मंशा है।


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