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बीएचयू घटना के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)में छात्राओं के साथ अश्लील हरकत और छेड़खानी की घटना के विरोध में भड़के आंदोलन की आग अब राजधानी दिल्ली तक पहुंच गयी है

बीएचयू घटना के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन
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नयी दिल्ली। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)में छात्राओं के साथ अश्लील हरकत और छेड़खानी की घटना के विरोध में भड़के आंदोलन की आग अब राजधानी दिल्ली तक पहुंच गयी है।

इस घटना के विरोध में आज यहां एनएसयूआई,आईसा,एसएफआई सहित करीब 20छात्र और सामाजिक संगठनाें ने जतंर मंतर पर दोपहर एक बचे से लेकर चार बजे तक व्यापक प्रदर्शन किया इन संगठनों ने बीएचयू के कुलपति गिरीश चन्द्र त्रिपाठी को तत्काल बर्खास्त करने तथा दोषी छात्र और लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।

इस बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय और उत्तर प्रदेश भवन के सामने भी छात्रों और सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन किए।

छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता अपने हाथों में छात्रों का दमन बंद करने और विश्वविद्यालय प्रशासन तथा सरकार के खिलाफ नारे लिखे तख्तियां और बैनर थामे हुए थे।

उन्होंने बीएचयू में छात्राओं पर शनिवार रात पुलिस के लाठीचार्ज के बाद उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने पर असफल रहने पर प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।

छात्रों ने यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसा अभियान चलाते हैं तो दूसरी ओर उनके ही संसदीय क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन पढ़ने के लिए निकली छात्राओं पर डंडे बरसा रहे हेै।
छात्राओ का विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था वह तो बस उपकुलपति से उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा दिए जाने की बात कहने गयी थीं।

ऐसे में उनपर लाठी चार्ज करना कहां का न्याय है। एसएफआई के छात्रों ने बीचएयू के कुलपति पर आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मनुवादी विचारधारा वाले व्यक्ति के शासन में यही होना था।

विश्वविद्यालय को इन लोगों ने संघ की शाखा का अड्डा बना रखा है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन किया जा रहा है।
लड़कों की बात तो दूर है अब लड़कियों पर भी डंडे बरसाए जा रहे हैं। इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या बात हो सकती है।

पुलिस विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार तीनों छात्राओं पर हमला कर रहे हैं। इसका सभी छात्र संगठन एक स्वर में विरोध करते हैं।

उन्होंने कहा कि एक तरह से जो हुआ अच्छा हुआ अब इस आंदाेलन की चिंगारी पूरे देश में फैलेगी तब मोदी सरकार को समझ मे आएगा कि उसने क्या किया है।


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