एनजीटी के मां वैष्णो देवी पर फैसले का विरोध शुरू
नेशनल ग्रीन टिब्यूनल बोर्ड ने वैष्णो देवी में एक बार में पचास हजार श्रृद्धालुओं को ही भवन तक जाने की अनुमति दी है

गाजियाबाद। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल बोर्ड ने वैष्णो देवी में एक बार में पचास हजार श्रृद्धालुओं को ही भवन तक जाने की अनुमति दी है। बाकि सभी को कटरा और अर्धकुमारी पर ही रोका जाएगा। एनजीटी के इस फैसले को लेकर अब विरोध शुरू हो गया है। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज ने कहा कि नियमों का पालन कराने वाली संस्थाएं अपनी सीमाओं में रहे।
यह फैसला हिन्दुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज ने कहा धार्मिक अतिक्रमण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पर फिर से विचार करने की जरूरत है। चक्रपाणि महाराज ने कहा कि एनजीटी ने जो फैसला सुनाया है वो हिंदूओं की आस्था के साथ में खिलवाड़ है। आस्था के हिसाब से ही लोग अपने घरों से निकल कर माता के दर्शन के लिए वहां पर जाते है।
ऐसे में पचास हजार लोगों को एक बार में अनुमति दिए जाना गलत है। अगर वहां लोगों की भीड़ अधिक है तो इसे तरीके से सुगम और व्यवस्थित बनाने में माता वैष्णों देवी साइन बोर्ड, जिला प्रशासन और सरकार काम करे। हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि का कहना है कि हिंदूओं के धर्म स्थलों पर लगातार पाबंदी बढ़ाने का काम किया जा रहा है। पहले अमरनाथ और अब वैष्णो देवी में यह काम किया गया है।
उन्होंने कहा कि श्राइन बोर्ड पर हर दिन लाखों रुपए चढ़ावा आता है। अगर व्यवस्था संभालने में असफल हो रहे हैं, तो क्यों चढावा लेने से इंकार नहीं कर देते है। वहीं, हिन्दू स्वाभिमान और डासना देवी मंदिर के मंहत यति नरसिम्हानंद सरस्वती का कहना है कि हिंदूओं के साथ में कुठाराघात किया जा रहा है। पहले उज्जैन, अमरनाथ और अब वैष्णो देवीए कल को हरिद्वार में भी इसी तरीके से पाबंदी लगा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी और धर्म के लिए एक बार इतनी सख्ती की जाए तो विरोधाभास सरकार और न्यायपालिकाओं को भी नजर आएगा।


