महिलाओं की सुरक्षा उच्च प्राथमिकता : केंद्र सरकार
हैदराबाद में 23 साल की पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म, उनकी हत्या व महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के कई मामलों की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार ने कहा कि महिला सुरक्षा उसकी उच्च प्राथमिकता में है

नई दिल्ली। हैदराबाद में 23 साल की पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म तथा उनकी हत्या व महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के कई मामलों की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि महिला सुरक्षा उसकी उच्च प्राथमिकता में है और उसने देश भर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई पहल की हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी.किशन रेड्डी ने लोकसभा में मंगलवार को एक लिखित जवाब में यौन अपराधियों पर एक डेटाबेस लॉन्च करने सहित महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि आपराधिक कानून (संशोधन), अधिनियम 2013 को यौन अपराधों को रोकने के लिए लागू किया गया था। इसके पांच साल बाद आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2018 को सख्त दंडात्मक प्रावधान के लिए अधिनियमित किया गया, जिसमें 12 साल से कम उम्र की लड़की से दुष्कर्म के लिए मौत की सजा शामिल है।
इस अधिनियम में प्रत्येक दो महीने के अंदर सुनवाई व जांच को पूरा करना अनिवार्य किया गया है।
इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम सभी आपात स्थितियों के लिए पूरे देश के लिए एकल व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त फोन नंबर (112) आधारित प्रणाली प्रदान करता है।
जवाब में यह भी कहा गया है कि स्मार्ट पुलिसिंग और सुरक्षा प्रबंधन में सहायता के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग से आठ शहरों अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई में पहले चरण में सेफ सिटी प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं।
नागरिकों को अश्लील सामग्री की रिपोर्ट करने के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 20 सितंबर, 2018 को एक साइबर-अपराध पोर्टल लॉन्च किया। एमएचए ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा देश भर में यौन अपराधियों की जांच और ट्रैकिंग की सुविधा के लिए इसी दिन 'यौन अपराधियों पर राष्ट्रीय डेटाबेस' (एनडीएसओ) भी लॉन्च किया।
राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की सहायता करने के क्रम में गृह मंत्रालय ने 19 फरवरी 2019 को एक ऑनलाइन एनालिटिक टूल पुलिस के लिए लॉन्च किया, जिसे इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल अफेंसेज कहा गया। इससे आपराधिक कानून (संशोधन) एक्ट 2018 के के अनुसार यौन अपराध मामलों में समबद्ध जांच व निगरानी हो सकेगी।


