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सामाजिक समरसता और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए मानवाधिकारों का संरक्षण जरूरी : लालजी

बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने यहां सोमवार को कहा कि सामाजिक समरसता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए मानवाधिकारों का संरक्षण एवं संवर्धन आवश्यक है

सामाजिक समरसता और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए मानवाधिकारों का संरक्षण जरूरी : लालजी
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पटना। बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने यहां सोमवार को कहा कि सामाजिक समरसता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए मानवाधिकारों का संरक्षण एवं संवर्धन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार मुख्य रूप से स्वतंत्रता, समानता एवं गरिमा के अधिकार हैं। बिहार मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित 'अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस' और राज्य मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 'वसुधैव कुटुम्बकम्' भारतीय संस्कृति का प्राणतत्व है।

उन्होंने कहा, "नागरिकों को आमतौर पर विभिन्न प्रकार के कानूनों के जरिए अधिकार प्राप्त होते हैं। मानवाधिकार नागरिकों के जन्मसिद्ध अधिकार हैं, जिन्हें कानून बनाकर संरक्षण दिया गया है।"

टंडन ने कहा कि प्रत्येक नागरिक के मानवाधिकारों का संरक्षण सरकारों का प्रमुख दायित्व होता है। यह तभी संभव है, जब सरकार के विभिन्न प्रशासनिक तंत्र, जो विभिन्न प्रकार के कानून, नीतियों-नियमों, कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन करते हैं।

उन्होंने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी एवं कल्याणकारी शासन ही मानवाधिकारों का संरक्षण कर सकता है। सरकार की सभी प्रशासनिक संस्थाओं को इसे ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक राज्य का प्रमुख दायित्व है कि वह नागरिकों के मानवाधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करे। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए 'बिहार मानवाधिकार आयोग' ने राज्य सरकार की पर्याप्त सहायता की है और दोनों ने समुचित सहयोग और समन्वय के साथ कार्य किया है।

कार्यक्रम में बिहार मानवाधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायाधीश मंधाता सिंह तथा आयोग के पूर्व सदस्य न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद ने भी अपने विचार व्यक्त किए। समारोह में राज्य के गृह सचिव आमिर सुबहानी एवं पुलिस महानिदेशक क़े एस़ द्विवेदी भी उपस्थित थे।


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