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अयोग्य विधायकों के अधिकारों की हुई रक्षा, भाजपा में खुले हैं दरवाजे : राव

 कर्नाटक के अयोग्य करार दिए गए 17 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से चुनाव लड़ने की इजाजत मिलने को भाजपा ने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा बताया है

अयोग्य विधायकों के अधिकारों की हुई रक्षा, भाजपा में खुले हैं दरवाजे : राव
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नई दिल्ली। कर्नाटक के अयोग्य करार दिए गए 17 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से चुनाव लड़ने की इजाजत मिलने को भाजपा ने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा बताया है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर राव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बहुत समय से इंतजार था, अब चीजें स्पष्ट हो गईं हैं। संबंधित लोग चुनाव लड़ सकते हैं, इस प्रकार कोर्ट ने उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की है।

भाजपा के कर्नाटक मामलों के प्रभारी पी मुरलीधर ने आईएएनएस से कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों के चुनाव लड़ने के अधिकारों को बहाल सराहनीय फैसला दिया है। मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं।"

क्या अयोग्य विधायकों को भाजपा टिकट देगी, इस सवाल पर पी मुरलीधर ने कहा, "सभी के लिए दरवाजे खुले हैं, हमने कभी दरवाजे बंद नहीं किए हैं। अगर वे लोग पार्टी में आना चाहते हैं और चुनाव लड़ना चाहते हैं तो रिक्वेस्ट(अनुरोध) आने पर पार्टी फैसला लेगी। दूसरे दलों के तो तमाम लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं।"

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को कर्नाटक के 17 बागी विधायकों की याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अयोग्य करार देने का फैसला सही था, हालांकि पूरे कार्यकाल के लिए अयोग्य ठहराने का फैसला उचित नहीं था। इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अयोग्य करार विधायकों के पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में भाग लेने का रास्ता साफ हो गया।

दरअसल, कांग्रेस के 14 और जेडीएस के तीन विधायकों के इस्तीफा देने के कारण जुलाई में एचडी कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी। जिसके बाद भाजपा ने बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनाई। उस वक्त विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों को अयोग्य करार देकर उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। इन बागी विधायकों के गुरुवार को भाजपा में शामिल होने की खबर है।

सूत्र बता रहे हैं कि फिलहाल होने जा रहे 15 सीटों के उपचुनाव में अयोग्य करार विधायकों को भाजपा ने टिकट देने की तैयारी की है। पार्टी का मानना है कि अगर इन विधायकों ने इस्तीफे का दांव नहीं चला होता तो फिर सरकार नहीं बन पाती। इस नाते इन्हें टिकट न देना नाइंसाफी होगी। यूं तो विधायकों के इस्तीफे से राज्य में 17 सीटें खाली हैं मगर कोर्ट में केस लंबित होने के कारण राजराजेश्वरी नगर और मस्की विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई है। पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए 18 नवंबर तक नामांकन होगा। नतीजे नौ दिसंबर को आएंगे।


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