ताजमहल को सरंक्षण दो या ध्वस्त कर दो
सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ताजमहल की समुचित देखभाल कर पाने में असमर्थ होने को लेकर जमकर फटकार लगाई

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ताजमहल की समुचित देखभाल कर पाने में असमर्थ होने को लेकर जमकर फटकार लगाई। अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि प्रशासन ताजमहल को ठीक से संरक्षित करे, या फिर उसे ढहा दें, नहीं तो न्यायालय उसे बंद कर देगी।
शीर्ष अदालत उत्तर प्रदेश सरकार के ताजमहल को संरक्षित करने के लिए विजन दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहने से नाराज है। न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर व न्यायमूर्ति दीपक प्रशासन की तरफ से ताजमहल के संरक्षण के लिए कोई कदम नहीं उठाने से खफा थे और उन्होंने कहा कि यह सरकार की सरासर लापरवाही है। खंडपीठ ने कहा, ताजमहल को संरक्षित करने की बिल्कुल इच्छा नहीं है। ताजमहल को संरक्षित किया जाना चाहिए। या तो हम इसे बंद कर देंगे या आप इसे ढहा दें या इसे संरक्षित करें। अदालत ने कहा कि ताजमहल एफिल टॉवर से ज्यादा सुंदर है और यह देश की विदेशी मुद्रा की समस्या को हल कर सकता है।
अदालत ने कहा, एफिल टॉवर को आठ करोड़ लोग देखने जाते हैं, जो कि टीवी के एक टॉवर जैसा दिखता है। हमारा ताजमहल बहुत ज्यादा खूबसूरत है। यदि आप इसकी देखभाल करेंगे तो इससे आपकी विदेशी मुद्रा की समस्या हल होगी।


