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घरेलू काम के बहाने किशोरियों से देह व्यापार, 8 को आजीवन कारावास

कोरबा ! घरेलू कामकाज कराने के नाम पर बहला फुसलाकर ले जाई गई दो आदिवासी किशोरियों से देह व्यापार कराने के मामले में विशेष न्यायाधीश ने कुल

घरेलू काम के बहाने किशोरियों से देह व्यापार, 8 को आजीवन कारावास
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एक आरोपी को 14 वर्ष का कारावास, 2 आरोपी दोषमुक्त
कोरबा ! घरेलू कामकाज कराने के नाम पर बहला फुसलाकर ले जाई गई दो आदिवासी किशोरियों से देह व्यापार कराने के मामले में विशेष न्यायाधीश ने कुल 11 आरोपियों में से 8 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। एक आरोपी को 14 वर्ष के सश्रम करावास की सजा सुनाई गई है जबकि 2 आरोपियों को दोषमुक्त किया गया है।
न्यायलयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 7-8 मई 2015 को आरोपी राजेन्द्र कुमार पटेल ने ग्राम कुटुरूवा में पीडि़ता के घर जाकर उसकी मॉं से छोटा बच्चा की देखरेख के लिये किशोरी को अपने साथ ले जाने के लिये मांगा और प्रतिमाह तीन हजार रूपये देने की बात कहा लेकिन मना कर दिया गया। इसके बाद 15 मई को राजेन्द्र कुमार पटेल, दुर्गा सिंह और वाहन क्रमांक सी0जी0-12डी/1277 का चालक संतोष प्रजापति फिर ग्राम कुटुरूवां में एक अन्य किशोरी के घर गये और उसके माता-पिता से बच्चा खेलाने व घर का काम करने के लिये मांगे जिससे मना कर दिया गया। इसके बाद ये लोग पुन: पहले वाली किशोरी के घर गये और बहला-फुसलाकर वाहन में बैठाकर ग्राम पहन्दा स्थित और आरोपी जान क्रुश तिग्गा से किराये पर लिये गये मकान में ले गये और उसे वहीं रखे थे। यहां उससे देह व्यापार करवाया जाता रहा। मामले में लेमरू पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपीगण राजेन्द्र कुमार पटेल पिता सीताराम पटेल 33 वर्ष, भूखन कश्यप पिता रामकुमार कश्यप 40 वर्ष, जॉन क्रुश तिग्गा पिता स्व. सिरिल तिग्गा 34 वर्ष, शेख शाहवली पिता महबूब बासा 28 वर्ष, पवन कुमार केतवार पिता धीरन साय विश्वकर्मा 19 वर्ष, संतोष कुमार प्रजापति पिता महेत्तर सिंह प्रजापति 42 वर्ष, रविंद्र अग्रवाल पिता- स्व. बंशीलाल अग्रवाल 32 वर्ष, नितेश सिंह उर्फ वाशु पिता- दामोदर सिंह 19 वर्ष, श्रीमती ममता बड़ा पति राजेन्द्र पटेल 25 वर्ष, श्रीमती दुर्गा सिंह पति रजनीकांत वैष्णव 28 वर्ष तथा कु0 बेबी उर्फ पिंकी साहू पिता राम प्यारे साहू 22 वर्ष के विरूद्ध धारा 363, 366(क), 370, 370(क), 373, 376 सहपठित धारा 34, अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(2)(अद्ध और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4, 6 के तहत अपराध दर्ज किया गया। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद प्रकरण विचारण हेतु न्यायालय में पेश किया। विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति/जन जाति अत्याचार निवारण) व्हीके एक्का ने इस गंभीर प्रकरण में आज फैसला देते हुए 8 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी राजेन्द्र कुमार पटेल, शेखा शहावली, पवन कुमार केतवार, नितेश, कु. बेबी उर्फ पिंकी साहू,संतोष कुमार को आजीवन कारावास से दंडित किया गया है। ममता बड़ा को 14 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग सजा के साथ अर्थदंड भी किया गया है जिसका भुगतान न करने पर न्यूनतम 3 माह से अधिकतम 7 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा भुगताई जाएगी। प्रकरण में आरोपी भूखन कश्यप एवं रविन्द्र अग्रवाल को धारा 376(2)(झ)(ढ) भादवि तथा पाक्सो एक्ट व एससी एसटी एक्ट के अपराध का दोषी न पाते हुए दोषमुक्त किया गया है। आरोपी दुर्गासिंह को एससी एसटी एक्ट की धारा 3(2)(व्ही) के अपराध से दोषमुक्त किया गया है। इसी तरह आरोपियों द्वारा जमा किये जाने वाले अर्थदंड की राशि से पीडि़ता किशोरी को 50 हजार व 25 हजार की प्रतिकर राशि देने का आदेश दिया गया है।


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