प्रगति में स्वामित्व स्कीम, 2.30 लाख ग्रामीणों को मिला प्रॉपर्टी कार्ड : सचिव
केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय में सचिव सुनील कुमार ने सोमवार को बताया कि देश के नौ राज्यों में लागू 'स्वामित्व' के पालयट प्रोजेक्ट की प्रगति उत्साहवर्धक है

नई दिल्ली। केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय में सचिव सुनील कुमार ने सोमवार को बताया कि देश के नौ राज्यों में लागू 'स्वामित्व' के पालयट प्रोजेक्ट की प्रगति उत्साहवर्धक है और 2.30 लाख लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड मिल चुका है। उन्होंने बताया कि स्वामित्व स्कीम के तहत ड्रोन के जरिए सर्वे होने से गांवों में रिहायशी जमीन से संबंधित 90 फीसदी से अधिक विवादों का भी निपटारा हो रहा है। कुमार ने कहा, "ड्रोन सर्वे से पहले चूना से चिन्हांकन करने से ही 90 से 95 फीसदी विवाद सुलझ जाते हैं।"
गांवों के लोगों को उनकी रिहायशी जमीन व मकान का मालिकाना हक और वैध कागज प्रदान करने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के मौके पर स्वामित्व स्कीम का शुभारंभ किया था।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह स्कीम देश के नौ राज्यों हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान और आंधप्रदेश में शुरू की गई है।
पंचायती राज मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की प्रगति और बजटीय आंवटन को लेकर यहां संवाददाताओं से बातचीत में सचिव सुनील कुमार ने बताया कि 31 जनवरी 2021 तक करीब 23,300 गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है और करीब 1,432 गांवों के 2.30 लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड भी बांटे जा चुके हैं।
कुमार ने बताया कि आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पंचायती राज मंत्रालय का बजटीय आवंटन 913.43 करोड़ रुपये है जो पिछले साल के संशोधित बजट से 32 फीसदी अधिक है।
मंत्रालय के पूरे बजटीय आवंटन में से 593 करोड़ रुपये राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के लिए आवंटित किए गए हैं, जबकि स्वामित्व योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट पिछले साल 79.65 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान के साथ शुरू किया गया था।
स्वामित्व योजना के तहत जमीन की मैपिंग और जायदाद के आंकड़ों के संग्रहण के लिए पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और मध्यप्रदेश में 210 सीओआरएस (कांटिन्युअस ऑपरेटिंग रेफरेंस स्टेशन) स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस साल मार्च तक ये स्टेशन चालू हो जाएंगे और 2022 तक पूरे देश में सीओआरएस का नेटवर्क तैयार हो जाएगा।
मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने विभिन्न राज्यों में करीब 130 ड्रोन टीम तैनात की हैं और 2021 के मार्च तक 500 ड्रोन तैनात किए जाएंगे।
मंत्रालय ने इस योजना को देश के बाकी हिस्सों में करीब 5.41 लाख गांवों को शामिल करने लिए व्यय विभाग को योजना खर्च के रूप में 566.23 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। वित्त वर्ष 2021-22 में 200 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान से इस योजना के तहत 16 राज्यों के 2.30 लाख गांवों को शामिल किया जाएगा।


