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हाईकोर्ट की सख्ती के बाद कोटद्वार बार एसोसिएशन वापस लेगी प्रस्ताव

उत्तराखंड में एक अधिवक्ता की हत्या से जुड़े मामले में कथित आरोपी को न्यायिक मदद नहीं देने के मामले में उच्च न्यायालय की सख्ती के बाद कोटद्वार बार एसोसिएशन अपने प्रस्ताव को वापस लेंगी

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद कोटद्वार बार एसोसिएशन वापस लेगी प्रस्ताव
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नैनीताल । उत्तराखंड में एक अधिवक्ता की हत्या से जुड़े मामले में कथित आरोपी को न्यायिक मदद नहीं देने के मामले में उच्च न्यायालय की सख्ती के बाद कोटद्वार बार एसोसिएशन अपने प्रस्ताव को वापस लेंगी।

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन तथा न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ मामले की सुनवायी कर रही है। मंगलवार को पौड़ी बार एसोसिएशन की ओर से न्यायालय मे पेश हुये डीसीएस मेहता प्रस्ताव को गलत मानते हुए उसे वापस लेने की घोषणा की। इसके बाद न्यायालय ने उन्हें इस प्रस्ताव को 8 जुलाई तक वापस लेने का समय दिया है। मामले में अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।

न्यायालय ने पिछली सुनवाई के दौरान कड़ा रूख अख्तियार करते हुए जिला बार एसोसिएशन, बार कौंसिल आफ उत्तराखंड तथा बार कौंसिल आफ इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा था।

उल्लेखनीय है कि यह पूरा मामला पौड़ी जनपद के कोटद्वार निवासी अधिवक्ता सुशील रघुवंशी की हत्या से जुड़ा हुआ है। श्री रघुवंशी की हत्या 2017 में कर दी गयी थी और हत्या के आरोप में कोटद्वार के एक व्यापारी विनोद कुमार को पुलिस ने इसी वर्ष 12 मई गिरफ्तार किया था। इसके बाद 16 मई कोटद्वार बार एसोसिएशन की ओर से एक प्रस्ताव पास कर हत्यारोपी विनोद कुमार को किसी प्रकार की न्यायिक मदद देने से इनकार कर दिया गया था। साथ ही ऐसे अधिवक्ता के खिलाफ कार्यवाही करने की बात भी कही गयी थी।

इसके बाद आरोपी विनोद कुमार के अधिवक्ता कुलदीप अग्रवाल की ओर से इस मामले में एक जनहित याचिका दायर कर अपने मुवक्किल को न्यायिक मदद करने की मांग की गयी। उच्च न्यायालय ने गंभीर रूख अख्तियार करते हुए कहा था कि जब पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब को अधिवक्ता मिल सकता है तो हत्या के मामले में क्यों नहीं? इसके बाद न्यायालय ने तीनों को नोटिस जारी किया था।


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