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भारत के खिलाफ जमात के दुष्प्रचार के कारण अमेरिका में कश्मीर पर प्रस्ताव लाया गया था

प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी से जुड़े दो इस्लामिक चैरिटी संगठनों ने भारत के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार भरा अभियान चलाया

भारत के खिलाफ जमात के दुष्प्रचार के कारण अमेरिका में कश्मीर पर प्रस्ताव लाया गया था
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नई दिल्ली/वाशिंगटन। प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी से जुड़े दो इस्लामिक चैरिटी संगठनों ने भारत के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार भरा अभियान चलाया, जिस कारण पिछले साल अमेरिकी कांग्रेस में कश्मीर पर सुनवाई हुई और प्रस्ताव लाया गया था।

आईएएनएस की जांच के अनुसार, इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आईसीएनए) और उसका सहयोगी संगठन 'हेल्पिंग हैंड्स फॉर रिलीफ एंड डेवलमेंट' (एचएचआरडी) पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा निरस्त किए जाने के बाद अमेरिका में भारत के खिलाफ अभियान चलाने में सबसे आगे थे।

आईएएनएस के हाथ लगे दस्तावेजी साक्ष्यों से पता चलता है कि आईसीएनए और उसका सहयोगी संगठन एचएचआरडी दोनों ही जमात-ए-इस्लामी से संबद्ध हैं, जिसे भारत ने पिछले साल जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर द्वारा फरवरी 2019 में किए गए अतंकीवादी हमले में 40 से अधिक अर्धसैनिक जवानों के शहीद होने के बाद प्रतिबंधित कर दिया था।

जमात को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत पांच साल के लिए इस आधार पर प्रतिबंधित किया गया था कि वह घाटी में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित हिंसक अलगाववादी आतंकवाद को मजबूत करने के लिए कश्मीर में आतंकी संगठनों का साथ दे रहा था।

आर्टिकल 370 निरस्त किए जाने के बाद अमेरिका स्थित आईसीएनए और एचएचआरडी ने अन्य इस्लामिक समूहों के साथ मिलकर ट्विटर पर उसी हैंडल का इस्तेमाल करते हुए 'स्टैंड विद कश्मीर' अभियान चलाया। 'स्टैंड विद कश्मीर' के बैनर तले, उन्होंने एक साथ न्यूयॉर्क में भारत के वाणिज्य दूतावास जनरल के सामने चार दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया और लॉस एंजेलिस में इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया।

पिछले साल अगस्त में दो और विरोध प्रदर्शन रैलियां हुईं, एक कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो और दूसरी वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के बाहर हुई। दोनों को आईसीएनए ने प्रायोजित किया था।

आईसीएनए ने 'कश्मीरी क्राइसिस : ए कम्प्लीट गाइड' भी प्रकाशित किया है।

सितंबर में, आईसीएनए ने फंड जुटाने के लिए इस्लामिक सेंटर ऑफ कोनेजो वैली में कश्मीर पर अपने कार्यकर्ताओं के लिए एक रात्रिभोज का आयोजन किया था। कुछ दिनों बाद, सीएआईआर और भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद (आईएएमसी) के साथ संगठन ने सितंबर के अंतिम सप्ताह में एक विरोध रैली करने की घोषणा की।

मीडिया रिपोटरें के अनुसार, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के राष्ट्रपति सरदार मसूद खान ने इसके तुरंत बाद दुनिया भर के मुस्लिमों से एकजुट होने का आग्रह किया और आईसीएनए और 'यूनाइटेड स्टेट्स कोअलिशन ऑफ मुस्लिम ऑर्गनाइजेशन' (यूएससीएमओ) से सांसदों को अमेरिकी सदन की विदेश मामलों की समिति और विदेश संबंधों की सीनेट समिति में कश्मीर पर सुनवाई को प्रोत्साहित करने में सांसदों को शामिल करने और कांग्रेस में कश्मीर पर बहस शुरू कराने के लिए कहा।

भारत के खिलाफ लगातार अभियान का चलाने का परिणाम यह हुआ कि न केवल अमेरिकी सदन की विदेश मामलों की समिति ने कश्मीर पर कम से कम दो सुनवाई की, बल्कि प्रमिला जयपाल और रशीदा तालिब ने अमेरिकी कांग्रेस में कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ दो प्रस्तावों को पारित कराने का असफल प्रयास भी किया।


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