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बिहार में कृषि रोडमैप के कारण दूध, मांस, अंडा के उत्पादन में वृद्घि हुई है : नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कृषि रोड मैप के कारण कृषि क्षेत्र लगातार विकास कर रहा है

बिहार में कृषि रोडमैप के कारण दूध, मांस, अंडा के उत्पादन में वृद्घि हुई है : नीतीश
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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कृषि रोड मैप के कारण कृषि क्षेत्र लगातार विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तीसरे कृषि रोड मैप (2017-22) पर काम चल रहा है और दूध के अलावा मांस, अंडा और मछली समेत कई चीजों के उत्पादन पर भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि पहला कृषि रोडमैप वर्ष 2008-12 तक, दूसरा कृषि रोडमैप वर्ष 2012-17 तक था। तीसरे कृषि रोडमैप वर्ष 2017-22 पर अभी काम चल रहा है।

उन्होंने कहा, "कृषि रोडमैप के कारण दूध के अलावा मांस और अंडे समेत कई चीजों के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। अंडा का वार्षिक उत्पादन वर्ष 2007-08 में 106 करोड़ प्रतिवर्ष था, जो अब बढ़कर 274 करोड़ प्रतिवर्ष हो गया है। मांस का उत्पादन 1़ 8 लाख मीट्रिक टन था जो अब बढ़कर 3़ 8 लाख मीट्रिक टन हो गया है।"

उन्होंने मछली उत्पादन में बढ़ोतरी की चर्चा करते हुए कहा, "अब राज्य में केवल 65 हजार मीट्रिक टन ही मछली बाहर से आ रही है, शेष की पूर्ति राज्य से ही की जा रही है। कृषि और पशुपालन के छात्रों की सुविधा के लिए हमलोगो ने कई कदम उठाए हैं। हर छात्र को 2 हजार रुपये प्रतिमाह तथा 6 हजार रुपये किताब खरीदने के लिए दिए जा रहे हैं।"

मुख्यमंत्री गुरुवार को मुख्य सचिवालय के सभागार से प्रधानमंत्री के उद्घाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े हुए थे। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को करीब 294 करोड़ रुपये की सौगात दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा, "बिहार में करीब नौ लाख हेक्टेयर चौर (चंवर) का क्षेत्र है, जहां खेती नहीं होती है। इस इलाके का विकास के लिए कई कार्य शुरू किए गए हैं। यहां के लोगों को प्रेरित करके उसके एक हिस्से में तालाब और दूसरे हिस्से में इस तालाब की मिट्टी को भरकर खेत बनाने के लिए कहा जा रहा है, इससे कृषि और मछली पालन दोनों साथ में हो जाएगा।"

उन्होंने कहा, "खेती वाले इलाके में फल-फूल की खेती करने की योजना है। इन इलाकों में बड़ी संख्या में घोड़परास (नीलगाय) है, इनसे बचाव के लिए खेतों में लेमनग्रास और खस ग्रास लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। घोड़परास इन दोनों से काफी दूर भागता है। चौर इलाके का विकास होने से यहां के लोगों की आमदनी बढ़ेगी।"


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