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बाहर फंसे लोगों को सभी राज्य लाने लगे तो समस्या बढ़ जाएगी : नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यो की समीक्षा की

बाहर फंसे लोगों को सभी राज्य लाने लगे तो समस्या बढ़ जाएगी : नीतीश
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पटना। राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों सहित अन्य राज्यों में फंसे लोगों को बिहार वापस बुलाने की मांग को लेकर गरम हुई सियासत के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी राज्य बाहर फंसे लोगों को वापस लाने लगे तो लॉकडाउन का मजाक उड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि हमलोगों का तो कमिटमेंट पूरे तौर पर है। सोशल डिस्टेंसिंग ही हम सबको बचा सकता है।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यो की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, "कोरोना वायरस से बचाव को लेकर बाहर से आए लोगों की नियमित जांच जरूर करें। कोरोना प्रभावित 4 जिलों में हर परिवार की जांच कराएं।"

उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर कोरोना वायरस से प्रभावित जिलों में तेजी से अभियान चल रहा है। पल्स पोलियो अभियान की तरह ही एक-एक परिवार को इसमें कवर करना है।

मुख्यमंत्री ने कोटा में फंसे छात्रों के मामले में कहा, "कुछ लोग नहीं माने और अपने आप वहां से आ गए, उन्हें बॉर्डर पर नहीं रखा गया बल्कि उनकी जांच कर उनके घर भिजवाने की व्यवस्था की गई।"

उन्होंने विपक्षी दलों की मांग पर कटाक्ष करते हुए कहा, "अब कोई कहे कि कोटा में जो लोग हैं, उनको फिर बुलवा लिया जाए। उनकी मांग पर देश के कोने-कोने में भी जो लोग फंसे हुए हैं, अगर सभी राज्य उन्हें वापस बुलाने लगे तो लॉकडाउन का मजाक उड़ जाएगा। हमलोगों का तो कमिटमेंट पूरे तौर पर है। सोशल डिस्टेंसिंग ही हम सबको बचा सकता है।"

उल्लेखनीय है कि राजद के नेता तेजस्वी यादव ने उत्तर प्रदेश द्वारा सरकार के कोटा में फंसे छात्रों को वापस बुलाने के फैसले का स्वागत किया था।

तेजस्वी ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी एक पत्र लिखा था जिसमें कहा, "गुजरात, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्य सरकारें जहां अपने राज्यवासियों के लिए चिंतित दिखी और राज्य के बाहर फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम किया वहीं बिहार सरकार ने अपने बाहर फंसे राज्यवासियों को बीच मंझधार में बेसहारा छोड़ दिया है।"

जद (यू) के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा, "देश भर में बिहार के लोग फंसे पड़े हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी लॉकडाउन की मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं। स्थानीय सरकारें कुछ कर भी रहीं हैं, लेकिन नीतीश जी ने सम्बंधित राज्यों से अब तक कोई बात भी नहीं की है। प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग में भी उन्होंने इसकी चर्चा तक नहीं की।"


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