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खालिस्तान समर्थक पोस्टरों में कनाडा में भारतीय राजनयिकों को धमकी

कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं. अब दो भारतीय राजनयिकों को दी गई धमकी भरे पोस्टर सामने आने के बाद यह मामला दोनों देशों के बीच कूटनीतिक समस्या का रूप ले रहा है

खालिस्तान समर्थक पोस्टरों में कनाडा में भारतीय राजनयिकों को धमकी
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कनाडा में आठ जुलाई को खालिस्तान समर्थक एक बड़ी रैली निकालने की तैयारी कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक "खालिस्तान फ्रीडम रैली" टोरंटो में निकाली जानी है. रैली का अंत शहर में भारत के वाणिज्यिक दूतावास के सामने करने की योजना है.

रैली से जुड़े कुछ पोस्टर सोशल मीडिया पर सामने आये हैं जिनमें कनाडा में दो भारतीय राजनयिकों को धमकी दी गई है. इनमें से एक पोस्टर का शीर्षक है "किल इंडिया" और इसमें भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में काउंसल जनरल अपूर्व श्रीवास्तव पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्याका आरोप लगाया गया है.

निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्सेस नाम के एक संगठन का मुखिया था. जून 2023 में उसकी कनाडा के राज्य ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारा के अंदर हत्या कर दी गई थी. इस पोस्टर में दोनों भारतीय राजनयिकों को निज्जर की हत्या का जिम्मेदार बताया गया है और उनकी तस्वीरें भी लगाई गई हैं.

इन पोस्टरों के सामने आने के बाद दोनों राजनयिकों की सुरक्षा के इंतजाम की समीक्षा की जा रही है. भारत ने पूरे घटनाक्रम पर नाराजगी जाहिर करते हुए देश में कनाडा के उच्चायुक्त कैमेरॉन मैककयोवे को तलब किया है. इसके ठीक एक दिन पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पत्रकारों को बताया था कि सरकार ने "कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे साझेदार देशों से अनुरोध किया है कि वो खालिस्तानियों को जगह न दें."

उन्होंने यह भी कहा था कि खालिस्तान समर्थकों की "उग्र और अतिवादी सोच ना इन देशों के लिए अच्छी है, ना हमारे लिए और ना हमारे आपसी रिश्तों के लिए." अब इस मामले पर कनाडा की विदेश मंत्री मेलनि जोली ने बयान जारी कर राजनयिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी को लेकर विश्वास दिलाने की कोशिश है. उन्होंने कथित पोस्टरों को अस्वीकार्य बताया है.

इस बीच अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों के हमले की भी खबर आई है. हमले के बाद दूतावास में आग लग गई थी, जिस पर बाद में काबू पा लिया गया. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस हमले की निंदा की है, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं आई है.


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