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प्रियंका का आरोप: समाज के लोगों की आवाज उठाने पर भाजपा कर रही है हार्दिक को परेशान

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश बी जे गणात्रा की अदालत ने हार्दिक के खिलाफ वारंट जारी करने के बाद मामले की सुनवाई की अगली तिथि 24 जनवरी तय कर दी।

प्रियंका का आरोप: समाज के लोगों की आवाज उठाने पर भाजपा कर रही है हार्दिक को परेशान
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नयी दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी नेता हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी पर रविवार को भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि अपने समाज के लोगों की आवाज उठाने के लिए उन्हें (हार्दिक) को परेशान किया जा रहा है।

गुजरात में अहमदाबाद की एक अदालत से राजद्रोह के मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद कांग्रेस में शामिल हो चुके पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के पूर्व संयोजक हार्दिक पटेल को शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था ।

श्रीमती वाड्रा ने आज ट्वीट कर कहा,“ युवाओं के रोजगार और किसानों के हक की लड़ाई लड़ने वाले युवा हार्दिक पटेल जी को भाजपा बार-बार परेशान कर रही है। हार्दिक ने अपने समाज के लोगों की आवाज उठाई,उनके लिए नौकरियां मांगी, छात्रवृत्ति मांगी। किसान आंदोलन किया। भाजपा इसको “देशद्रोह” बोल रही है ।

हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी पर सहायक पुलिस आयुक्त राजदीप झाला ने यूनीवार्ता को बताया था कि अहमदाबाद जिले के वीरमगाम तालुका, जो उनका गृह क्षेत्र भी हैं, के हांसलपुर चौराहे के पास से पकड़ा गया। हार्दिक को शनिवार रात अपराध शाखा के लॉक अप में रखा गया और छुट्टी का दिन होने के कारण उन्हें रविवार को जज के आवास पर पेश किया जायेगा।

ज्ञातव्य है कि अदालत ने सुनवाई के दौरान हार्दिक बारंबार अनुपस्थिति नहीं होने पर वारंट जारी किया था।

यह मामला 25 अगस्त 2015 को यहां जीएमडीसी मैदान में हुई विशाल पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद हुए राज्यव्यापी तोड़फोड़ और हिंसा को लेकर क्राइम ब्रांच ने उसी साल अक्टूबर में दर्ज किया था। इसमें कई सरकारी बसें, पुलिस चौकियां और अन्य सरकारी संपत्ति में आगजनी की गयी थी तथा इस दौरान एक पुलिसकर्मी समेत लगभग 12 लोग मारे गये थे जिनमें कई पुलिस फायरिंग के चलते मरे थे। पुलिस ने आरोप पत्र में हार्दिक और उनके सहयोगियों पर चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए हिंसा फैलाने का षडयंत्र करने का आरोप लगाया था।

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश बी जे गणात्रा की अदालत ने हार्दिक के खिलाफ वारंट जारी करने के बाद मामले की सुनवाई की अगली तिथि 24 जनवरी तय कर दी। सरकारी वकील सुधीर ब्रह्मभट्ट ने यूएनआई को बताया कि उन्होंने अदालत में दलील दी थी कि हार्दिक को हालांकि इस मामले में उच्च न्यायालय ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह मामले की सुनवाई में सहयोग करेंगे पर वह ऐसा नहीं कर रहे। वह किसी न किसी बहाने से अनुपस्थित रहे।

श्री ब्रह्मभट्ट ने कहा कि अब हार्दिक की जमानत भी रद्द हो सकती है। अदालत चाहे तो पेशी के बाद वारंट रद्द भी कर सकती है। मामले के दो अन्य आरोपी दिनेश बांभणिया और चिराग पटेल शनिवार को अदालत में उपस्थित थे।

ज्ञातव्य है कि हार्दिक के खिलाफ सूरत में राजद्रोह का एक अन्य मामला भी दर्ज है। उस मामले में उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिली हुई है। वह दोनो मामलों में लगभग नौ महीने तक जेल में रहे थे और रिहाई के बाद जमानत की शर्त के अनुरूप छह माह तक गुजरात के बाहर भी रहे थे।


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