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भाजपा की दिल्ली सरकार में निजी स्कूल कर रहे मनमानी फीस वृद्धि : आप

दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी फीस वृद्धि को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 'आप' ने कहा कि दिल्ली में भाजपा सरकार पर निजी स्कूलों के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी वजह से फीस वृद्धि पर कोई रोक नहीं लगाई जा रही है

भाजपा की दिल्ली सरकार में निजी स्कूल कर रहे मनमानी फीस वृद्धि : आप
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नई दिल्ली। दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी फीस वृद्धि को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 'आप' ने कहा कि दिल्ली में भाजपा सरकार पर निजी स्कूलों के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी वजह से फीस वृद्धि पर कोई रोक नहीं लगाई जा रही है।

'आप' ने दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में बच्चों के उत्पीड़न और फीस वृद्धि को लेकर भाजपा सरकार से छह अहम सवाल पूछे हैं। जिनमें डीएम की रिपोर्ट आने के बावजूद डीपीएस के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हुई? अभिभावकों को बार-बार हाईकोर्ट क्यों जाना पड़ रहा है? भाजपा डीपीएस को दिल्ली सरकार के अधीन लाकर रेगुलेशन में क्यों नहीं लाना चाहती? डीपीएस की ऑडिट रिपोर्ट कहां है? जिन 1600 से अधिक निजी स्कूलों के ऑडिट का दावा भाजपा कर रही है, उनकी रिपोर्ट और निष्कर्ष क्या है? क्या भाजपा सरकार ने किसी एक भी स्कूल को गैरकानूनी फीस वृद्धि वापस करने का आदेश दिया है?

'आप' ने आरोप लगाया कि अगर भाजपा की निजी स्कूलों से मिलीभगत नहीं होती, तो वह ऑडिट पूरा होने तक फीस वृद्धि पर रोक लगाने का आदेश जरूर जारी करती। आप के आरोप लगाता कि दिल्ली सरकार मुनाफाखोर शिक्षण संस्थानों को बचा रही है। फीस वृद्धि पर रोक नहीं लगाई जा रही है। आप ने अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत अरोड़ा के भाजपा की दिल्ली कार्यकारिणी के सदस्य होने पर भी सवाल खड़ा किया।

आप ने कहा कि जब दिल्ली में 'आप' सरकार थी, तब निजी स्कूलों की फीस में वृद्धि नहीं हुई थी। उस समय सीएजी द्वारा कराए गए ऑडिट में कई स्कूलों में भ्रष्टाचार उजागर हुआ और अभिभावकों से वसूली गई अतिरिक्त रकम उन्हें वापस दिलाई गई। लेकिन अब फिर से निजी स्कूलों की फीस में बेतहाशा वृद्धि शुरू हो गई।

आप ने आरोप लगाया कि भाजपा सिर्फ आप को बदनाम करने की कोशिश कर रही है, जबकि सच्चाई यह है कि इस समय लाखों अभिभावकों को वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ रहा है। इसके पीछे भाजपा सरकार की निष्क्रियता जिम्मेदार है।


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