'निजी अस्पतालों पर कसेंगे नकेल'
'प्राइवेट अस्पतालों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं कर सकते लेकिन अपराधिक लापरवाही पर सरकार जरूर हस्तक्षेप करेगी

नई दिल्ली। 'प्राइवेट अस्पतालों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं कर सकते लेकिन अपराधिक लापरवाही पर सरकार जरूर हस्तक्षेप करेगी। क्योंकि कुछ अस्पताल इन्हें बदनाम कर रहे हैं। जैसे एक अस्पताल में पता चला कि डेंगू के इलाज में लाखों का बिल दे दिया। जिंदा बच्चे को मृत बता दिया। इसलिए जनता से धोखा पर नकेल कसने की जरूरत है।
लोग कहते हैं कि प्राइवेट को बंद कर दो। हम प्राइवेट को भी बंद नहीं करेंगे। सरकारी तंत्र को ऐसा बनाएंगे कि लोग प्राइवेट छोड़कर सरकारी में आएं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज में स्माइल दंत चिकित्सा मेला के शुभारंभ सत्र में यह विचार व्यक्रते हुए कहा कि 34 साल पहले बना यह अस्पताल सात साल से प्रथम है वे देश-विदेश में पहचाना जाता है। केजरीवाल ने कहा कि हमने राजनीतिक इच्छा शक्ति दिखाते हुए 100 फीसदी शिक्षा में और 50 फीसदी हेल्थ में बजट बढ़ाया।
पहले केंद्र और दिल्ली सरकार सभी सरकारी स्कूल, डिस्पेंसरी, अस्पताल सब को प्राइवेट करते जाओ लेकिन पिछले दो साल में हमने बताया कि सरकारी सिस्टम में भी ये सब हो सकता है। मेरा सपना है कि दिल्ली में कोई बच्चा पैदा हो तो उसे अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं मिले व हमारा सपना है कि दिल्ली में जन स्वास्थ्य, शिक्षा का ऐसा मॉडल बने जिसे देश व दुनिया में अपनाया जाए। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि डेंटल हेल्थ को लेकर लोग लापरवाही बरतते हैं, साल में काम से कम दो बार दांतों की जांच जरूरी है। मुस्कुराएंगे तो दांत दिखेंगे फिर कमियां पता चलेगी और उसे ठीक करवाएंगे।
उन्होंने बताया कि मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज का एक और ब्लॉक तैयार है, जिसके शुरू होने के बाद क्षमता दोगुनी हो जाएगी। दिल्ली में पांच ब्रांच बनेंगी और कांति नगर पॉली क्लिनिक में शीघ्र ही एक क्लीनिक शुरू हो जाएगा। पूरी दिल्ली में 100 डेंटल क्लिनिक बनाने की घोषणा पिछले साल की थी वह भी खुलेंगे। संस्थान के निदेशक डॉ. महेश वर्मा ने बताया कि 25 साल से वार्षिक दंत मेले में लाखों लोगों के दांतों की जांच होती है।
इस साल लगभग चार लाख लोगों का इलाज किया गया। उन्होने बताया कि यहां सभी नौ विषयों पर स्नातकोत्तर कोर्स करवाए जाते हैं और पिछले साल मोबाइल डेंटल टीम ने स्लम इलाके में 1.2 लाख रोगियों की जांच और 70 हजार का इलाज किया।
स्कूली बच्चों की जांच की व आशा वर्कर को भी शिक्षित किया। इस अवसर पर दिल्ली सरकार के स्कूल में 12 से 15 साल के बच्चों की व दिल्ली के जुवेनाइल होम में रहने वाले बच्चों की रिपोर्ट भी पेश की गई। कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश भी मौजूद थे।
मैक्स को डॉक्टरों की जांच कमेटी ने नहीं दी क्लीनचिट, बताई कई चूक
मैक्स शालीमार बाग में जिंदा बच्चे को मृत कह कर देने वाले डॉक्टर को अस्पताल ने छुट्टी देने के बाद भी जहां क्लीन चिट दे दी तो वहीं तीन डॉक्टरों की जांच कमेटी ने इस मामले में चूक को स्वीकार किया है।
प्रारंभिक रिपोर्ट को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को सौंप दिया गया है। तीन सदस्यीय डॉक्टरों की जांच कमेटी ने पूरे मामले में कई गंभीर चूक की ओर संकेत करते हुए पूरे मामले में सवाल उठाए हैं। कहा गया है किअस्पताल ने कई स्थापित नियमों की पालना नहीं की।
कमेटी ने बताया कि नवजात के लिए स्थापित परंपराओं, नियमों की अवहेलना की गई है। इसमें ईसीजी जांच नहीं की गई ताकि यह जांच हो सकती कि बच्चा जिंदा है अथवा नहीं। बच्चे का शरीर बिना किसी लिखित निर्देश के ही परिजनों को सौंप दिया गया। कमेटी ने इसे भी भारी चूक मानते हुए कहा कि जीवित व मृत बच्चे को एक साथ ही रखा गया वह भी गलत था।
इन बच्चों को अलग अलग रखा जाना चाहिए था। कमेटी ने यह प्रारंभिक रिपोर्ट दाखिल की है। कमेटी अभी पूरे मामले में विस्तारपूर्वक जांच कर रही है अस्पताल के रिकार्ड, स्टाफ आदि से जांच व बातचीत के बाद ही इन तथ्यों पर पहुंची है। अभी इसकी विस्तारपूर्वक जांच के बाद अंतिम रिपेार्ट दाखिल की जाएगी।


