निजी अस्पतालों ने स्मार्ट कार्ड से इलाज किया बंद
निजी अस्पतालों ने स्वास्थ्य बीमा कंपनी द्वारा समय पर भुगतान नहीं करने से आज से स्मार्ट कार्ड से इलाज करना बंद कर दिया

बिलासपुर। निजी अस्पतालों ने स्वास्थ्य बीमा कंपनी द्वारा समय पर भुगतान नहीं करने से आज से स्मार्ट कार्ड से इलाज करना बंद कर दिया। निजी अस्पतालों का कहना है कि इलाज करने के बाद भुगतान को महीनों इंतजार कर पाना संभव नहीं है। इससे उनका व्यावसायिक हित प्रभावित हो रहा है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा.आर.डी.गुप्ता ने बताया कि आर्थिक रूप से संपन्न लोगों द्वारा भी स्मार्ट कार्ड से उपचार कराया जा रहा है। इसके चलते आज से निजी अस्पतालों में स्मार्ट कार्ड से उपचार बंद कर दिया गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कंपनी निजी अस्पतालों से अनुबंध करती है। लेकिन बीमा कंपनी इस वर्ष निजी अस्पतालों से एमओयू साईन नहीं करा रही है। वहीं अनुबंध के अनुसार 21 दिनों के अंदर रकम का भुगतान किया जाना होता है। वह भी कंपनी द्वारा नहीं किया जा रहा है। पिछले कई सालों से निजी अस्पताल संचालक योजना के तहत मरीजों का स्मार्ट कार्ड से इलाज कर रहे थे। वहीं कई मामलों में आर्थिक रूप से संपन्न होने के बावजूद संपन्न लोग स्मार्ट कार्ड से निजी अस्पतालों में उपचार करा रहे थे।
इससे निजी अस्पतालों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। जिससे अस्पताल चलाने में डाक्टरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे निजी अस्पताल संचालकों ने स्मार्ट कार्ड से उपचार बंद करने का फैसला लिया है। निजी असपतालों में स्मार्ट कार्ड से उपचार बंद होने से मरीजों की भीड़ सरकारी अस्पतालों में उमड़ पड़ी। सिम्स व जिला अस्पताल में आज काफी तादात में मरीज जांच व उपचार के लिए पहुंचे।
स्मार्ट कार्ड से उपचार बंद
स्मार्ट कार्ड से उपचार बंद कर दिया गया है। निजी अस्पतालों में रखे सभी स्मार्ट कार्डों को सीएचएमओ कार्यालय ले जाकर जमा करने की तैयारी चल रही है। बीमा कंपनी से एमओयू साइन नहीं होने पर यह फैसला लिया गया है।
डा.आर.डी गुप्ता
अध्यक्ष, आईएमए


