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कैदियों का कमाल : तिहाड़ जेल में ही बना डाले 75000 मास्क, सेनेटाइजर

कोरोना महामारी से महफूज सात तालों के भीतर कैद दिल्ली की जेलों के कैदी, बाहर मौजूद लोगों के बचाव के लिए युद्धस्तर पर जुटे हैं

कैदियों का कमाल : तिहाड़ जेल में ही बना डाले 75000 मास्क, सेनेटाइजर
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नई दिल्ली। कोरोना महामारी से महफूज सात तालों के भीतर कैद दिल्ली की जेलों के कैदी, बाहर मौजूद लोगों के बचाव के लिए युद्धस्तर पर जुटे हैं। ये कैदी एक महीने में अब तक करीब 75 हजार से ज्यादा मास्क जेल वालों के लिए बना चुके हैं। इतना ही नहीं, जेल स्टाफ और यहां बंद कैदी अपनी जेल में बनाए गए सेनेटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं। आईएएनएस से बातचीत में इसकी पुष्टि दिल्ली जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने भी की। जानकारी के मुताबिक, तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल में बने मास्क में से दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, कड़कड़डूमा कोर्ट, नंदनगरी एसडीएम कार्यालय और महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य तमाम विभागों को भी करीब साढ़े आठ हजार मास्क मुहैया करा चुके हैं।

एक अनुामान के मुताबिक, इन तीनों जेलों में बंद सजायाफ्ता मुजरिम रोजाना डेढ़ से दो हजार तक की संख्या में मास्क बना रहे हैं। जेल में बंद कैदी और स्टाफ कोरोना से बचाव के लिए जेल में ही बनाए गए सेनेटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

बताया जाता है कि जेल में कैद सजायाफ्ता बंदी अब तक करीब साढ़े सात हजार लीटर सेनेटाइजर बना चुके हैं। इस सेनेटाइजर को जेल में ही इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां बने सेनेटाइजर की आपूर्ति मास्क की तरह बाहरी लोगों को नहीं की जा रही है। कोरोना से बचाव के प्रति प्रतिबद्ध जेल प्रशासन ने आइसोलेशन वार्ड भी हर जेल में तैयार कर लिए हैं। किसी भी नए कैदी की जेल के भीतर बैरकों में सीधा प्रवेश की अनुमति नहीं है। इन सभी को दो-तीन दिन के लिए आइसोलेशन सेंटर में रखा जा रहा है। उसके बाद ही अन्य विचाराधीन कैदियों के साथ रहने को भेजा जाता है।

जेल में मुलाकात का सिलसिला भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 17 से 31 मार्च तक कोर्ट में कैदियों की पेशी पर पांबदी लगाई गई थी। अब पाबंदी की अवधि बढ़ाकर 15 अप्रैल तक कर दी गई है।


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